जल गंगा संवर्धन अभियान : दस कुओं के समतुल्य है,एक बावड़ी, इन्हें बचाने के लिये समाज को आगे आना होगा
बावड़ियों का धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व उनकी पर्यावरणीय उपादेयता के कारण था। भू-जल स्तर को सामान्य बनाये रखने में यह बेजोड़ है। किन्तु अब बावड़ियों का अस्तित्व मिटता जा रहा है। ॠग्वेद, उपनिषद और जातक कथाओं से लेकर पुराणों तक भारतीय संस्कृति की प्रकृति संरक्षण सम्बन्धी चिरन्तन धारा विद्यमान है। भारतीय मनीषियों ने प्राकृतिक शक्तियों को देवता … Read more