ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार खेती है। खेती के आधुनिकीकरण के साथ इसका तेजी से यंत्रीकरण हो रहा है। अब खेतों की जुताई लगभग शत-प्रतिशत ट्रैक्टरों के माध्यम से होती है। ट्रैक्टर से संचालित कई कृषि उपकरण किसानों के लिए बहुत उपयोगी हैं। इस संबंध में उप संचालक कृषि यूपी बागरी ने बताया कि ट्रैक्टर के माध्यम से चलने वाला रोटावेटर और रोटरी टिलर्स खेतों की गहरी जुताई और खरपतवार नष्ट करने के लिए बहुत उपयोगी है। रोटावेटर से किसान अपनी सुविधा और उपयोगिता के अनुसार जुताई की गहराई का निर्धारण कर सकते हैं। इसके उपयोग से नरवाई तथा अन्य खरपतवार छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटकर मिट्टी में मिल जाते हैं। बारिश के बाद इनसे मिट्टी के लिए बहुत उपयोगी हरी खाद तैयार होती है जिससे मिट्टी की उर्वरता और जलधारण क्षमता में वृद्धि होती है। धान की रोपाई के लिए खेत को समतल करने और पडलिंग के लिए भी रोटावेटर का उपयोग किया जा सकता है। रोटावेटर का उपयोग 35 हार्सपावर से 55 हार्सपावर तक के ट्रैक्टर में सबसे कारगर होता है। रोटावेटर से सामान्य रूप में तीन घण्टे में एक हेक्टेयर के खेत में जुताई का कार्य हो जाता है। बाजार में रोटावेटर के कई माडल उपलब्ध हैं। किसान अपनी सुविधा के अनुसार इनका उपयोग कर सकते हैं। कृषि विभाग द्वारा रोटावेटर के लिए अनुदान की भी सुविधा उपलब्ध है।
