जल गंगा संवर्धन अभियान : दस कुओं के समतुल्य है,एक बावड़ी, इन्हें बचाने के लिये समाज को आगे आना होगा

बावड़ियों का धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व उनकी पर्यावरणीय उपादेयता के कारण था। भू-जल स्तर को सामान्य बनाये रखने में यह बेजोड़ है। किन्तु अब बावड़ियों का अस्तित्व मिटता जा रहा है। ॠग्वेद, उपनिषद और जातक कथाओं से लेकर पुराणों तक भारतीय संस्कृति की प्रकृति संरक्षण सम्बन्धी चिरन्तन धारा विद्यमान है। भारतीय मनीषियों ने प्राकृतिक शक्तियों को देवता स्वरूप माना है। सूर्य, चन्द्रमा, वायु, अग्नि वगैरह देव हैं और नदियाँ पवित्र देवियाँ। पृथ्वी माँ है। वृक्ष देवों के वास-स्थल हैं। कुएँ, तालाब और बावड़ियों के धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व हैं। पशु-पक्षियों को देवताओं का वाहन बनाकर इन्हें श्रेष्ठता प्रदान की गयी है।

यह उदगार मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा खजुहा कला धाम में स्थित मंदिर परिसर में आयोजित बाबडी उत्सृव कार्यक्रम में पर्यावरणविद रामकृष्णु जी ने व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि दस कुओं के समतुल्य एक बावड़ी है। दस बावडियों के बराबर एक तालाब है। दस तालाबों के सदृश्य एक पुत्र है और दस पुत्रों के समान एक वृक्ष होता है। जरूरत होने पर भी लोग हरे वृक्ष को नहीं काटते थे। बाबडी उत्सव कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए जन अभियान परिषद के संभाग समन्वपयक प्रवीण पाठक ने बताया कि राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सभी जिला व विकासखंड मुख्यालयों में जहॉ पर बाबडी स्थित है उनके संरक्षण की मुहिम संचालित की गई है। इसी अनुक्रम में जिलें में ग्राम खजुहा व रायपुर कर्चुलियान के ग्राम मनिकवार में स्थित हनुमान बाबडी में बाबडी उत्सव का आयोजन किया गया है। उन्होंने बाबडी उत्सव आयोजन के उदेश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के माध्यम से शासन द्वारा समाज को जल संरक्षण व प्राचीन जल संरचनाओं के संवर्धन का महा अभियान संचालित किया जा रहा है।

श्रीमती पूनम दुबे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा ने बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत शासन द्वारा ग्राम पंचायत  स्तर पर जल संरक्षण के कार्यो का चिन्हॉकन करते हुए कार्योजना के साथ जल संरचनाओं के सुदृढीकरण एवं निर्माण का कार्य किया जा रहा है । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ राजेश मिश्रा संयुक्त संचालक पशुपालन विभाग ने बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ग्राम ग्राम में सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से जल संरक्षण के कार्य प्रारंभ हुए है । कार्यक्रम को समाजसेवी श्री पियूष त्रिपाठी ने भी संबोधित किया । कार्यक्रम में पर्यावरण वाहिनी संस्था के सदस्यों व छात्राओं द्वारा जल संरक्षण पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई । कार्यक्रम का संचालन साकेत श्रीवास्तव द्वारा व आभार पूर्व जिला पंचायत सदस्य  रामबहोरन पटेल द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में रश्मि गौतम, शिवशंकर सिंह, अमित अवस्थी, राजीव शुक्ला, अनिल तिवारी, अनिल तिवारी, महेश स्वर्णकार, श्रीमती संध्या पटेल, शिवेन्द्र पटेल, श्रीमती शशि श्रीवास्त, राजेन्द्र मिश्रा, बृजभूषण तिवारी, श्रद्वा शुक्ला, सी पी मिश्रा, राधेलाल चौरसिया, प्रकाश पटेल व जन अभियान परिषद से संबंद्व ग्राम विकास प्रस्फुटन समितियों के सदस्यग, सीएमसीएलडीपी के छात्र व मेंटर्स उपस्थित रहे ।

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