मजदूरी से बमुश्किल मिलती थी दो जून की रोटी, गरीबी को आंख दिखा बनी उद्द्यमी

रीवा, मप्र। कुसुमकली एवं उसका पति मिलजुलकर मेहनत मजदूरी करते थे। मजदूरी से दो जून की रोटी ही मिल पाती थी। गरीबी में जीवनयापन करना पड़ता था। वे अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई के बारे में भी नहीं सोच पा रहे थे। विकासखण्ड जवा के ग्राम गढ़वा की कुसुम ने बताया कि इसी बीच म.प्र. … Read more

हमसे जुड़ने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है... पोर्टल पर आपके द्वारा डाली गयी खबर/वीडियो की सभी जानकारी घटनास्थल और घटना का समय सही और तथ्यपूर्ण है तथा घटना की खबर आपके क्षेत्र की है।अगर खबर में कोई जानकारी/बात झूठी या प्रोपेगेंडा के तहत पाई जाती है तो इसके लिए आप ही ज़िम्मेदार रहेंगे।