रामलखन गुप्त, चाकघाट। त्योंथर क्षेत्र के पशु चिकित्सालय में डॉक्टर नहीं है। पशु चिकित्सा के क्षेत्र में पशु चिकित्साक्षेत्राधिकारी नहीं है ।इस अंचल में पशु चिकित्सा भगवान भरोसे ही चल रही है। क्षेत्र के एकमात्र विटनरी डॉक्टर प्रदीप मिश्रा यहां कार्यरत हैं। जिनके ऊपर कई पशु चिकित्सालयों का प्रभार है, ऐसे में पशु चिकित्सालय से किसी भी तरह की सहायता चिकित्सा के नाम पर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार जनपद क्षेत्र त्योंथर के अंतर्गत स्थापित पशु चिकित्सालय चाकघाट, त्योंथर, कटरा, गाढ़ी एवं सोनौरी में एक भी पशु चिकित्सक नहीं है ।चपरासी भी यहां पर्याप्त नहीं है ।इन पांच पशु चिकित्सालयों में मात्र दो चपरासी ही कार्यरत हैं बाकी स्थान पर डॉक्टर की कौन कहे चपरासी भी नहीं है। इस अंचल में पशुओं के उपचार हेतु ए.व्ही.एफ. ओ. की नियुक्ति होनी चाहिए क्योंकि त्योंथर जनपद क्षेत्र के 6 स्थान पर एक.व्ही.एफ.ओ. नहीं है। एक प्रकार से देखा जाए तो सरकार गोवंश एवं पशु चिकित्सा के लिए व्यवस्था की बात करती है किंतु धरातल स्तर पर न तो डॉक्टर हैं न ही चपरासी हैं और न ही फील्ड में काम करने वाले ए व्ही एफ ओ ही हैं। चाकघाट के पशु चिकित्सालय में जाकर देखा गया तो वहां पर एकमात्र चपरासी/ चौकीदार के अलावा अन्य कोई अधिकारी नहीं था।ऐसी स्थिति में इस अंचल के पशु स्वामियों के सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो जाता है। क्योंकि क्षेत्र में पशुओं की संख्या ज्यादा है लेकिन चिकित्सक एक भी नहीं है। मध्य प्रदेश शासन चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जिला प्रशासन से यह मांग की जाती है की त्योंथर क्षेत्र के पशु चिकित्सालयो में पर्याप्त मात्रा में डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए एवं क्षेत्र में कार्य करने वाले ए.व्ही.एफ.ओ. की भी व्यवस्था कराई जाए। जहां पर चपरासी के भरोसे चिकित्सालय चल रहा है वहां भी पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था की जाए। (रामलखन गुप्त)
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