वर्षाकाल के उपरांत अधिक नमी, तापमान एवं जल भराव से मच्छर पनपते हैं। मच्छरों के कारण मलेरिया, डेंगू तथा चिकनगुनिया रोगों का प्रकोप होता है। कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने इनसे बचाव के संबंध में विभिन्न विभागों को निर्देश जारी किए हैं। कलेक्टर ने नगरीय निकाय, शिक्षा, उच्च शिंक्षा, आदिम जाति कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, मत्स्य, महिला एवं बाल विकास, खनिज, लोक निर्माण तथा सिंचाई और पीएचई विभाग को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि जिले में शहरी क्षेत्र के विभिन्न वार्डों तथा ब्लाकों के विभिन्न ग्रामों में डेंगू के प्रकरण मिल रहे हैं। सभी विभाग प्रमुख अभियान चलाकर डेंगू के नियंत्रण व रोकथाम के प्रभावी प्रबंधन और जन जागरूकता के लिए आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
उल्लेखनीय है कि डेंगू तथा चिकनगुनिया का प्रकोप एडीज मच्छरों के काटने से होता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। आमजन इससे बचाव के लिए कूलर, गमलों, अनुपयोगी बर्तनों, पानी की टंकी तथा मटकों आदि का पानी बदलते रहें। इनमें लंबे समय तक पानी जमा न रहने दें। जहां पानी खाली करना संभव न हो वहां खाद्य तेल की कुछ बूंदे डाल दें। इससे पानी में तेल की पतली परत बन जाती है तथा मच्छरों को पनपने का अवसर नहीं मिलता है। मच्छरों से बचाव के लिए पूरे बाहं के कपड़े पहनें तथा सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि किसी भी तरह का तेज बुखार आने, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होने, सर दर्द होने एवं शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना डेंगू के लक्षण हैं। इस तरह का लक्षण दिखाई देने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर उचित उपचार करायें। समय पर उपचार कराने से डेंगू एवं चिकनगुनिया से पूरी तरह बचाव होता है।