आरिफ की आवाज सुनकर सारस की तड़प जिसने भी देखी वो भावुक हो उठे। आरिफ की आवाज जैसे ही उसके कानों में पड़ी वो बेजुवान अपने बाड़े में ही इधर – उधर भागने लगा। शायद उसे लग रहा था की बस कुछ देर में वो अपने दोस्त के साथ होगा। लेकिन अफ़सोस जंगल के कानून ने दोनों के बीच एक अदृश्य लकीर खींच रखी थी। दोनों एक दूसरे को बस दूर से ही देख पाये, गले लगने की क़सक शायद उनके सीने में ही रह गई।
क्या है कहानी
उत्तर प्रदेश के अमेठी में सारस – आरिफ की दोस्ती काफी दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई है। दोनों का साथ उठना – बैठना, खाना – पीना सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था। लेकिन दोनों का वीडियो जैसे ही वन विभाग तक पहुंचा सारस को पहले तो रायबरेली के समस्तपुर पक्षी बिहार भेज दिया गया फिर उसके बाद उसे कानपुर प्राणी उद्यान शिफ्ट कर दिया गया। जिसके बाद बताया गया कि अपने दोस्त से बिछड़कर सारस काफी मायूस है और उसने सिर्फ जीवित रहने भर का खाना खाता है। सारस – आरिफ के रिश्ते को लेकर खबर जब तैरने लगीं तो सोशल मीडिया पर राजनीतिज्ञों से लेकर आम आदमी तक दोनों को मिलाने की गुहार लगाने लगे। मिली जानकारी के अनुसार आरिफ ने जबसे घायल सारस का इलाज कर उसकी जान बचाई, तब से उनकी दोस्ती सुर्खियों में बनी हुई है।
तीन हफ्तों बाद आरिफ – सारस की मुलाक़ात
उत्तर प्रदेश के वन अधिकारियों द्वारा सारस पक्षी को ले जाने के लगभग तीन हफ्तों बाद आरिफ – सारस की मुलाकात दूर से ही हुई। सारस और आरिफ के मुलाकात का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि आरिफ को देखते ही सारस कितना खुश नज़र आ रहा है। हालाँकि आरिफ को लगा था कि शायद उसका दोस्त उसे भूल गया होगा लेकिन आरिफ को देखा सारस उछलने – कूदने लगा और अपने पिंजरे से बहार आने की पूरी कोशिश करते दिखा। वास्तव में यह वायरल वीडियो काफी भावुक कर देने वाला था। वीडियो में कई बार वन विभाग के अधिकारीयों द्वारा सारस कि सुरक्षा को लेकर आरिफ को दूर रहने कि हिदायत भी सुनाई दे रही है।
आरिफ पर क़ानूनी शिकंजा
सूत्रों कि माने तो वन विभाग के अधिकारियों ने आरिफ के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला भी दर्ज किया था और उसे इस सम्बन्ध में नोटिस जारी कर पेश होने और बयान दर्ज करने के लिए कहा गया था। जानकारी के अनुसार 2 अप्रैल को यूपी वन विभाग द्वारा उन्हें पूछताछ के लिए भी बुलाया गया था। इसके पीछे कि वजह क्या थी अभी तक साफ नहीं हुआ है।
वरुण गाँधी ने ट्विट किया
सारस और आरिफ की कहानी खास है!
एक दूसरे को सामने पा कर इन दोनों दोस्तों की ख़ुशी बता रही है कि इनका प्रेम कितना निश्छल और पवित्र है।
यह खूबसूरत जीव स्वच्छंद आकाश में उड़ने के लिए बना है, पिंजरे में रहने के लिये नहीं।
उसे उसका आसमान, उसकी आजादी और उसका मित्र वापिस लौटा दीजिए।
( साथ ही दोनों के मुलाक़ात का वीडियो भी अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया )
अखिलेश यादव ने भी किया था सरकार पर व्यंग
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, वन विभाग की टीम उप्र के राजकीय पक्षी सारस को तो स्वतंत्र करने के नाम पर उसकी सेवा करनेवाले से दूर ले गयी, देखना ये है कि राष्ट्रीय पक्षी मोर को दाना खिलानेवालों से स्वतंत्र करने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है।
एक नज़र
आरिफ ने मीडिया से बताया कि तक़रीबन एक साल से किसी भी पारिवारिक कार्यक्रम में नहीं गया हूँ क्योंकि अगर सारस मुझे अपने आस-पास नहीं पाता है तो यह असहज हो जाता था। अगर फिर भी मुझे किसी काम से बाहर जाना होता था तो मुझे उससे बचना पड़ता था। वह रात को भी मेरे पास ही सोता था।
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