बेहतर विद्युत् आपूर्ति का कई बार दम भरा गया किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक यह महज खुली आँखों से सपना देखने जैसा है। बिजली कब आयेगी कब जायेगी इसकी जानकारी और जिम्मेदारी किसके पास है किसी को पता ही नहीं लेकिन उड़न दस्ता जमींन पर देखने – सुनने को मिल जाता है। इतने सारे दावों के बावजूद विद्युत् आपूर्ति में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। कभी रात में कई घंटे तो कभी दिन भर रहती है लापता जिससे आम जनजीवन के साथ – साथ किसानों की भी हालत खस्ता हो रही है।
इसी तरह की विद्युत् आपूर्ति में चल रही अनियमितता को लेकर पूर्व जनपद उपाध्यक्ष त्योंथर सौरभ मिश्रा द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को पत्र लिखकर अवैध बिजली कटौती पर अंकुश लगाने पर जोर दिया गया है। साथ ही उन्होंने शासन – प्रशासन को चेताया है की अगर कटौती पर अंकुश नहीं लगा तो आंदोलन अथवा धरना किया जायेगा। अब देखना होगा की शासन – प्रशासन बिजली कटौती पर कितना अंकुश लगा पाती है या फिर कोंग्रेसी कार्यकर्त्ता और ग्रामीणजनों को बैठना पड़ेगा धरना।
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