त्यौंथर – शफात मंसूरी। त्योंथर तहसील मुख्यालय में कानूनी व्यवस्था हमेशा सुर्खियों में बनी रहती है। जब भी आप कानून की वास्तविक स्थिति का आयना देखेंगे तो आपको सिर्फ कानून का एक चेहरा दिखेगा जो सिर्फ देखने के लिए होगा यानी कानून का सिर्फ नाम है काम कुछ भी नही है ऐसा इसीलिए की यहां आए दिन अपराधों की सीमा बढ़ती जा रही है।
हर दिन नए अपराध देखने को मिलते हैं लेकिन उन पर कार्यवाही नाम मात्र की है बात करें सोहागी थाना क्षेत्र की तो अपराधों की गिनती कम पड़ जायेगी लेकिन अपराधियों पर किसी प्रकार कोई अंकुश नहीं है। सोहागी थाना क्षेत्र में शराब पैकारी से लेकर , गांजा,कोरेक्स ,अवैध रेत उत्खनन इतनी चरम सीमा पर है की अब तो यहां के रहवासी भी इसके साथ जीना सीख गए हैं। रहवासियों का भी कहना है की हम शिकायत करते भी हैं तो इन अपराधियों पर कोई अंकुश नहीं लगता बल्कि हमें ही मार काट की धमकियां मिलने लगती है सोहागी थाना क्षेत्र की सबसे चर्चित त्यौंथर पुलिस चौकी हमेशा सुर्खियां बटोरती है। यहां जैसे अपराध की गिनती नहीं की जा सकती है। वैसे ही यहां पुलिस विभाग में चौकी प्रभारी के साथ सिर्फ आरक्षक पदस्थ कर उच्च अधिकारी कानून का पहाड़ा सुना रहे हैं। जहां बड़ी बड़ी टीम त्यौंथर के अपराध को कम नही कर पाई। वहीं अब एस०डी०ओ०पी० त्यौंथर एक बड़ी चुनौती बटोर रहे हैं की त्यौंथर पुलिस चौकी में बिना स्टाफ के ही अपराधों पर अंकुश लगाने में कामयाब होगा ।
अभी हाल ही में एक गौ तस्कर का मामला प्रकाश में आया था। जिसमें गौ सेवक सहित कई संगठन के लोगों ने गौ तस्करों को धर दबोचा था जिसकी सूचना सोहागी थाना में लगभग 1 घंटे पूर्व में ही दे दी गई थी लेकिन रिजल्ट ये रहा की घंटो बाद पुलिस चौकी त्यौंथर के प्रभारी अपनी पल्सर बाइक से मौके पर पहुंच तो गए लेकिन उनके पास उन अपराधियों को थाने तक ले जाने के लिए वाहन तक उपलब्ध नहीं था। इसके बाद यथा स्थिति को देखने उपरांत गौ सेवकों को ही उन अपराधियों को अपने वाहन से उन्हें सोहागी थाना पहुंचाया गया। सवाल ये उठता है क्या प्रदेश सरकार के पास पुलिस कर्मियों की कमी है या फिर प्रदेश सरकार को कानूनी शब्द पसंद नही रहा है। एक बड़ा सवाल त्योंथर के स्थानीय विधायक जी से भी बनता है। क्या ऐसे में आप त्यौंथर को रेत माफियाओं, शराब पैकारी, गांजा तस्करों से छुटकारा दिलवा पाने में कामयाब होंगे।
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