घटिया निर्माण : सांसद निधि के कार्यों से नौनिहालों का जीवन संकट में


देश में सांसद निधि के कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान को उनके विधायक और सांसद ही पलीता लगा रहे हैं।

समाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी, रीवा। ताजा मामला रीवा जिले और मप्र में सांसद निधि द्वारा कराए जा रहे कार्यों में देखनेंं को मिल रहा है। रीवा जिले की हिनौती हायर सेकंडरी स्कूल सहित जिले की अन्य स्कूलों में लगाए गए सांसद निधि के सीमेंट की कुर्सियां लगाते ही धराशाई हो गई हैं। कुर्सियों की गुणवत्ता इतनी घटिया स्तर की थी की बच्चों के बैठते ही चकनाचूर होकर रेत के टीले की भांति भुरभुराकर गिर गईं। जब अध्यापकों को पता चला तो बच्चों को कुर्सियों के नजदीक जाने से मना किया।

घटिया कुर्सियों से बच्चों के जीवन को संकट
इन घटिया कुर्सियों से बच्चों के जीवन को संकट उत्पन्न हो गया है। स्कूल के बच्चों और बच्चियों ने बताया की सीमेंट की कुर्सियां टूटने से उन्हें चोट भी लगी है। लगभग दर्जन भर छात्र छात्राओं को चोट लगने की खबर प्राप्त हुई है। बड़ा सवाल यह है आखिर सांसद निधि जैसे महत्वपूर्ण कार्य में इतना व्यापक भ्रष्टाचार कैसे हुआ? जानकारों का कहना है कि यह सब कमीसन खोरी का खेल है जहां सबके परसेंट बटे रहते हैं। परसेंट का नतीजा है की 14 हजार 583 रुपए की लागत की सीमेंट की हर एक कुर्सियों की गुणवत्ता एक हजार लायक भी नहीं है।

एमपी एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन नामक कंपनी ने किया है कार्य
गौरतलब है की यह घटिया कार्य मप्र की एक फर्जी किस्म की संस्था एमपी एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा किया गया है। एमपी एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन नामक कंपनी एक ऐसी संस्था है जो सुई धागे से लेकर हाईटेक और कंस्ट्रक्शन के कार्य करवा रही है। बड़ा सवाल यह है की आखिर यह एमपी एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन नामक कंपनी जब एग्रीकल्चर कंपनी हैं तो कैसे इस कम्पनी को कंस्ट्रक्शन और निर्माण के कार्य दिए जा रहे हैं। यह केवल सांसद निधि के सीमेंट कुर्सी का मामला ही नही है बल्कि ऐसे सैकड़ों सांसद और विधायक निधि के कार्य हैं जहां साठगांठ कर एमपी एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन नामक कंपनी टेंडर हासिल कर पूरे शासकीय कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार कर रही हुआ।

भंडार क्रय नियम के प्रावधानों की घोर अवहेलना
जानकारों का मानना है की एमपी एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन नामक कंपनी भंडार क्रय नियम के प्रावधानों में भी फिट नहीं बैठती है। नियम के प्रावधानों में इस कंपनी को इस प्रकार के निर्माण कार्यों की सक्षमता नही है फिर भी ऊपरी स्तर पर व्यापक भ्रष्टाचार कर मंत्रालय और प्रदेश स्तर से ही एमपी एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन नामक कंपनी को इस प्रकार के निर्माण कार्यों का टेंडर दिया जाकर कमीशन का लंबा खेल किया जा रहा है।

मामले पर शिवानंद द्विवेदी ने जांच कराए जाने की रखी माग
पिछले दिनों समाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी जब हिनौती शासकीय स्कूल पहुंचे तो देखा कि सांसद निधि से एमपी एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन नामक कंपनी द्वारा लगाई गई सीमेंट की 20 कुर्सियां पूरी तरह से लगाने के एक माह के भीतर ही धरासाई हो गई हैं जिनको लेकर वहां उपस्थित स्कूल शिक्षकों और छात्र छात्राओं से चर्चा की और जांच कराए जाने की माग की। उपस्थित शिक्षकों द्वारा जानकारी दी गई की अब तक इस घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को नहीं दी गई है। बच्चों ने भी इस व्यापक भ्रष्टाचार की जांच कराए जाने की माग रखी।

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