बहुप्रतीक्षित मांग पूरी : रीवा के लक्ष्मणबाग में श्री रामानुज संस्कृत वि.वि का शुभारंभ आज

रीवा के लक्ष्मणबाग में श्री रामानुज संस्कृत विश्वविद्यालय का शुभारंभ 7 अक्टूबर को प्रात: 11बजे होगा। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि जनसंपर्क एवं पीएचई मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल व अध्यक्षता सांसद श्री जनार्दन मिश्रा करेंगे तथा विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व मंत्री श्री पुष्पराज सिंह उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर विन्ध्य के संस्कृत विद्वान व विद्वतजन भी उपस्थित रहेंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 सितंबर को अपने आवास में विन्ध्य के संस्कृत विद्वानों को आमंत्रित कर इस निर्णय की आश्वस्ति दी थी। गत 4 अक्टूबर की कैबिनेट में इसी वर्ष से शिक्षण सत्र आरंभ करने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने व तत्काल प्रभाव से प्रभारी नियुक्त करने का निर्णय लिया है।

रीवा में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी किए जाने की दिशा में मध्यप्रदेश शासन ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के आदेश से रामानुज संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ है। आदेश के अनुसार प्रारंभिक चरण में संस्कृत विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय में प्रवेश, शिक्षा व परीक्षा का निर्वहन करने के लिए पाणिनि विवि को दायित्व सौंपा गया है। इस हेतु विश्वविद्यालय के ही प्रो.तुलसीदास  को यहां का प्रभारी बनाया गया है। आदेश में शिक्षण व अधोसंरचना समेत सभी व्यवस्थाओं के लिए आवश्यक राशि व शैक्षणिक पद सृजित करने के आदेश दिए गए हैं। सभी पद व संसाधन श्री रामानुज संस्कृत विश्वविद्यालय के नाम से स्वीकृत किए गए हैं।

जनसंपर्क एवं पीएचई मंत्री राजेन्द्र शुक्ल  रीवा में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पिछले एक दशक से सतत प्रयासरत रहे। इस हेतु विधानसभा में दो बार अशासकीय संकल्प प्रस्तुत किया था। विधानसभा के विगत सत्र में सर्वसम्मति से पारित हुए अशासकीय संकल्प पर संज्ञान लेते हुए शासन ने प्रक्रिया प्रारंभ की थी, जिसका परिणाम 4 अक्टूबर की मंत्रिपरिषद में सरकार के उपरोक्त निर्णय के रूप में सामने आया। रीवा के संस्कृत विद्वान पिछले तीन दशकों से लगातार संस्कृत विश्वविद्यालय की मांग कर रहे थे। लक्ष्मणबाग संस्थान महाराज विश्वनाथ सिंह के समय से उत्तर भारत में संस्कृत और वैदिक शिक्षा का प्रमुख संस्थान रहा है। संस्थान से अनगिनत संस्कृत विद्वान, वेदाचार्य, व्याकरणाचार्य व ज्योतिष शास्त्री यहां से पढ़कर निकले व देश-विदेश में अपनी विद्वत्ता से प्रतिष्ठा पाई।

रीवा के लक्ष्मणबाग में रामानुज संस्कृत विश्वविद्यालय के शुभारंभ होने पर खजुरी मानसपीठ के पीठाधीश्वर अनंत विभूषित श्री रामललाचार्य, राजस्थान जोधपुर के दक्षिणेश्वर पीठाधीश श्री वैदेही बल्लभ देवाचार्य, डा.अंजनी प्रसाद पांडेय, प्रो.मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, डा.रामनरेश तिवारी, डा.बलराम पाण्डेय, डा.सत्यजीत पान्डेय, डा. दीनानाथ शास्त्री दामोदराचार्य, संस्कृत विद्वत परिषद के श्री रामायण तिवारी, प्रो.देवेन्द्र मिश्र, श्री कीर्तिकुमार द्विवेदी, श्री सोम कार्तिक, श्री बलभद्र शुक्ल, डा.मांडवी शरण समेत, श्री रामदरबार, ब्रह्मशक्ति समूह, राष्ट्रीय विप्र सेवा संघ, मानस मंडल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व जनसंपर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल के भगीरथ प्रयासों हेतु कृतज्ञता व्यक्त की है।

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