जनता के हित में शासन – प्रशासन चाहे जितनी योजनाओं का सृजन कर दे लेकिन अगर उन्हें जागरूक और जिम्मेदार नहीं बनाया गया तो ज्यादातर योजनाओं का उद्देश्य महज कागजो तक ही सिमट कर रह जायेगा। फिर वो चाहे कीचड़ मुक्त सड़क का सपना हो या शुद्ध जल का या फिर कोई और, सब की सब जन जागरूकता के बगैर सिर्फ एक ढांचा मात्र रह जायेगा।
जानकारी के मुताबिक मामला जनपद पंचायत त्योंथर के पूर्वांचल में बसे ग्राम पंचायत सोनौरी का है। जहाँ पाया गया कि यात्रियों के बैठने के लिए बनाया गया यात्री प्रतीक्षालय अब शौचालय में तब्दील हो चुका है। जब इस मामले को लेकर एक शख्स से सवाल हुआ तो जबाब था, “सभी यहीं करते हैं तो हमने भी कर दिया।” सोचने वाली बात यह है कि यात्रियों को धूप – बरसात आदि से बचाने के लिए तक़रीबन पौने तीन लाख खर्च कर के यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण किया गया और उसे उन्ही लोगों द्वारा शौचालय कि तरह इस्तेमाल किया जाने लगा, कितना संवेदनशील विषय है।
सवाल सीधा है, ” आखिर कब तक आम जनता विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बनी सार्वजनिक व्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचती रहेगी और सवाल भी शासन – प्रशासन से करती रहेगी ? “