ब्रह्मानंद त्रिपाठी, बहरैचा। सहकारी समितियों में व्याप्त अनिमितताओ की शिकायत समय-समय पर किसान नेता ललित मिश्रा द्वारा की जाती रही है। सहकारिता में व्याप्त भ्रष्टाचार में हाल ही में सहकारी समिति सोनौरी के प्रबंधक राघवेंद्र शर्मा एवं विक्रेता के द्वारा शासन द्वारा गरीबों के लिए दिए जा रहे खाद्यान्न में डाका डालने का काम किया गया है। साथ ही माननीय अनुविभागीय अधिकारी त्योंथर के द्वारा टीम गठित करा कर जांच कराई गई, जिसमें लगभग 28 लाख रुपए का गरीबों का खाद्यान्न समिति प्रबंधक विक्रेता एवं प्रशासक निलेश पांडे की मिलीभगत से बाजार में विक्रय कर दिया गया एवं शासन द्वारा दिए जा रहे गरीबों के हक में डाका डाला गया। अनुविभागीय अधिकारी त्योंथर द्वारा जांच प्रतिवेदन के आधार पर सोहागी थाना में प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया। सोहागी थाने में समित प्रबंधक एवं विक्रेता के नाम पर प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है जबकि समिति प्रबंधक विक्रेता के साथ-साथ प्रशासक निलेश पांडे की भी खाद्यान्न कालाबाजारी में अहम भूमिका होती है। किसान नेता ललित मिश्रा द्वारा आरोप लगाया गया है कि इतनी बड़ी कालाबाजारी में नीलेश पांडे का हाथ होना निश्चित है जबकि इनका नाम एफआईआर में ना होना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना होगा। वही किसान नेता ललित मिश्रा ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा है कि पूर्व में मेरे द्वारा की गई शिकायत जिसमें सेवा सहकारी समिति रायपुर, सोनौरी, अमिलिया, पडरी, सोहागी, सोहरवा एवं अन्य समितियों में नियम विरुद्ध तरीके से नियुक्ति की गई परंतु संपूर्ण शिकायत की जांच निलेश पांडे प्रशासक को दी गई थी। जिसमें निलेश पांडे द्वारा जांच तो नहीं की गई उल्टा जिन लोगों की शिकायत की गई थी उन्हीं लोगों को नियम विरुद्ध तरीके से सहायक समिति प्रबंधक का प्रभार प्रदान किया गया। ललित मिश्रा किसान नेता ने यह भी आरोप लगाया की रायपुर में प्रकाश नारायण भुर्तिया जो पूर्व में खरीदी केंद्र रायपुर के ऑपरेटर पद पर नियुक्त थे परंतु शासन के विधि मानसा अनुसार सहायक समिति प्रबंधकों को कैडर में शामिल करने का आदेश जारी किया गया। जिसमें आनन-फानन में प्रशासक निलेश पांडे द्वारा सभी नियमों को ताक पर रखते हुए अनैतिक लाभ लेकर के पूर्व में पदस्थ सहायक समिति प्रबंधक के रहते हुए सहकारी समिति रायपुर के प्रबंधक भरत लाल भुर्तिया के सगे भतीजे प्रकाश नारायण भुर्तिया को सहायक समिति प्रबंधक पद पर नियुक्ति कर कैडर के सभी प्रबंधक के लिए आनन-फानन में आवेदन कराया गया है। वही किसान नेता ललित मिश्रा ने सबसे बड़ा आरोप लगाते हुए बताया कि सेवा सहकारी समिति अमिलिया में पूर्व की शिकायतों पर प्रभारी प्रबंधक भरत लाल भुर्तिया द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के जांच प्रतिवेदन के आधार पर सहायक लेखपाल रजनीश मिश्र को पद से पृथक करने का आदेश जारी किया गया था परंतु जैसे ही शासन द्वारा समिति प्रबंधक को कैडर में रखने की आदेश जारी किया जाता है, आनन-फानन में निलेश पांडे द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पद से पृथक व्यक्ति रजनीश मिश्र को सहायक समिति प्रबंधक के पद पर पदस्थ करते हुए समिति प्रबंधक के लिए सहकारी बैंक चाकघाट में आवेदन कराया गया है। इसी तरह से पूर्व में की गई शिकायतों में प्रशासक निलेश पांडे द्वारा अनैतिक लाभ लेकर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। साथ ही किसान नेता ललित मिश्र द्वारा माननीय कलेक्टर महोदय से यह मांग की जा रही है की लगभग 28 लाख के खाद्यान्न घोटाले के मुख्य आरोपी राघवेंद्र शर्मा प्रबंधक एवं विक्रेता की गिरफ्तारी होगी भी या उन्हें इसी तरह खुला घूमने के लिए अवसर देकर के गरीबों के हक में यहां का शासन-प्रशासन डाका डालने का काम करवाएगा। वही ललित मिश्रा ने शासन प्रशासन से यह भी प्रश्न पूछा है की प्रशासक निलेश पांडे पर एफआईआर कब होगी ? या फिर निलेश पांडे को भ्रष्टाचार करने के लिए गरीबों का खाद्यान्न में डाका डालने के लिए नियम विरुद्ध नियुक्तियों में नियम विरुद्ध जाकर के कार्य करने के लिए शासन – प्रशासन ने ही इन्हें नियुक्त किया है ?
सबसे बड़ी बात देखने वाली यह है कि क्या निलेश पांडे पर कलेक्टर महोदया प्रकरण पंजीबद्ध कराती हैं एवं पूर्व की शिकायतों पर नियम विरुद्ध हुई नियुक्तियों पर कार्यवाही होगी या कलेक्टर महोदया जी भी निलेश पांडे प्रशासक के विरुद्ध कार्यवाही करने में असमर्थता दिखाती हैं।