चाकघाट। गत दिवस अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ का राष्ट्रीय अधिवेशन चंडीगढ़ में सम्पन्न हुआ। जिसमें समीपस्थ ग्राम सरुई के निवासी मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री वीरेन्द्र् सिहं बाघेल जो कि अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय सचिव भी हैं उन्होंने सम्मेलन के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए वक्तव्य ओ पी एस पाप है। यदि ओ. पी. एस. लेना पाप है तो सभी विधायक सांसद एवं नेता लोग ओ. पी.एस. लेना क्यों नहीं छोड देते। क्यों ऐसा पाप कर रहे हैं खुद भी एनपीएस अपने ऊपर क्यों नहीं लागू करते। कर्मचारी अपना बाल्यावस्था संपूर्ण युवावस्था एवं कुछ वृद्धावस्था का संपूर्ण जीवन सेवा में अर्पित करते हैं तो उन्हें ओ पी एस का लाभ लेने से प्रधानमंत्री क्यों वंचित कर रहे हैं। जबकि खुद भी ओ पी यस का लाभ लेकर पाप कर रहे हैं। पुरानी पेंशन स्कीम (ओ.पी.एस.) की लड़ाई संपूर्ण भारत में कर्मचारियों के साथ-साथ जनमानस की लड़ाई है। इस लड़ाई को सामाजिक स्तर पर मजदूर किसान एवं बेरोजगार युवाओं के साथ मिलकर लड़ने की योजना बनानी है। देश में बेरोजगारी चरम सीमा पर बढ़ती जा रही है। प्राप्त आंकड़ों के आधार पर लगभग 60 लाख शासकीय पद रिक्त है, जिसे सरकार भरना नहीं चाहती। सरकार शासकीय कर्मचारियों को हटाकर आउट सोर्स डेली बेसिस संविदा कर्मचारी रखना चाहती है। श्री बघेल ने कहा है कि एनपीएस समाप्त ओ पीएस लागू करने सहित 7 सूत्री मांगों को लेकर संपूर्ण भारत में हर जिलों में 14 मार्च को धरना दिया जाएगा। एवं ज्ञापन कलेक्टरों को सौंपा जाएगा। दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लामा जी एवं राष्ट्रीय महासचिव ए. शिवकुमार जी दिल्ली के आसपास के जिलों को लेकर दिल्ली में धरना देकर शासन को आगाह करेंगे। यदि शासन इतने में भी नहीं सुनती तो संपूर्ण भारत में ब्लॉक तहसील जिला स्तर पर वाहन रैली जुलूस निकाला जाएगा।इसके पश्चात 3 नवंबर 2023 को संपूर्ण भारत के कर्मचारी मजदूर किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में एकत्रित होकर अपने शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। यह लड़ाई ओ पीएस बहाली 7 सूत्री मांगो सहित कब तक चलेगी जब तक सरकार मान्य नहीं लेगी। यदि सरकार हमारी मांगों को अनदेखा करेगी तो कर्मचारी हाल में हो रहे 7 राज्यों एवं केंद्र के चुनाव में सरकार को भगाने का कार्य करेंगे। जो कर्मचारी हित की बात करेगा वही देश में राज्य करेगा ।
7 सूत्रिय मांगो में पीएफआरडीए एवं एनपीएस समाप्त करना,ओ पी एस लागू करना, सभी संविदा आउट सोर्स दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करना, केंद्र राज्य सरकार के विभागों और पीएसयू में सभी रिक्तियों को तत्काल भरना,सार्वजनिक उपक्रमों का निजी करण और निगमीकरण बंद करना,आठवे केंद्रीय वेतन आयोग का गठन करना, जप्त बकाया सहित सभी डीए डीआर जारी करना, अनुकंपा रोजगार पर सभी बाधाओं और प्रतिबंधों को हटाना, एवं लोकतांत्रिक ट्रेड यूनियन अधिकारों को सुनिश्चित करने की उक्त मांगों को लेकर संपूर्ण भारत में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ ने शासन से आर पार लड़ाई लड़ने के लिए तैयारी बनाई है जिसमें संपूर्ण कर्मचारी, किसान ,मजदूर लोगों से भरपूर साथ देने की गुजारिश की गई है। (राम लखन गुप्त)
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