यदि मन में कुछ कर गुजरने का संकल्प हो तो आने वाली बाधाएं भी उस व्यक्ति का रास्ता नहीं रोक सकती। रमेश ने लीक से हटकर अपने खेतों से प्रचुर मात्रा में लहसुन उत्पादन कर किसानों के लिये अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान के ग्राम पैपखरा के रहने वाले रमेश ने बताया कि उनके पास 4 एकड़ खेती की जमीन है। पहले वे खेतों में पारंपरिक रूप से धान एवं गेंहू की बोनी किया करते थे। परिवार के गुजर बसर के लिये अनाज का उत्पादन तो हो जाता था लेकिन उससे वे अपनी अन्य आवश्यकतायें पूरी नहीं कर पाते थे। बहुत दिनों से रमेश के मन में खेती में नवाचार करने की इच्छा थी लेकिन उचित परामर्श न मिल पाने के कारण वह यह सब फलीभूत नहीं कर पार रहे थे। इसी बीच उनकी मुलाकात कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों से हुई। कृषि वैज्ञानिकों ने फसल विविधीकरण योजना की जानकारी दी और लहसुन एवं मसूर का उत्पादन लेने की सलाह दी।
रमेश ने बताया कि उन्होंने 1.5 एकड़ में लहसुन और 2.5 एकड़ में मसूर बोया। लहसुन का उत्पादन 139 क्विंटल हुआ और 16 क्विंटल मसूर हुई। उनके घर में ही आकर 8.34 लाख रूपये में लहसुन तथा 76 हजार 800 रूपये में मसूर बिक गई। इससे उन्हें 9.10 लाख की आय हुई। लहसुन का उत्पादन लेने से उनका जीवन बदल गया अब वे अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं। उनके परिवार में खुशहाली आ गई हुई है।
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