देश के लिए जीना है, देश के लिए मरना है, इससे बड़ा न कोई धर्म, न कोई कर्म है – शिवाकांत पाण्डेय

जनअभियान परिषद् मध्यप्रदेश शासन, त्यौंथर में लीड एनजीओ सूरज विकास समिति व सूरज पब्लिक स्कूल सेंगरवार के संचालक शिवाकांत पाण्डेय सर ने कहा की हमें यह हरगिज नहीं भूलना चाहिए की कैसे 200 वर्षों से अधिक समय तक हमें अंग्रेजों ने गुलाम बना कर रखा था और कैसे गुलामी की जंजीर तोड़ने के लिए खून की नदियाँ बहाई गई और कैसे प्राणों का बलिदान कर हमें आज़ादी दिलाई गई। आज हम चाँद तक पहुँच गए लेकिन अभी यह मंजिल नहीं है, हमें और नई – नई खोज, नये – नये अनुशंधान करने होंगे जिसके लिए शिक्षा और दक्षता दोनों की ही जरुरत है। उन्होंने आगे कहा कि “हर सुबह आज़ादी का सूरज देखकर गर्व होता है” और इस आज़ादी की सुबह में “अनगिनत बलिदानों की कहानी छिपी है।” उन्होंने क्षेत्रवासियों एवं छात्रों को सन्देश दिया की हम सब को मिलकर अभी और मेहनत करनी होगी और संघर्ष करना होगा। साथ ही उन्होंने सभी को हमारे महापर्व 15 अगस्त की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।

देश के लिए जीना है, देश के लिए मरना है, इससे बड़ा न कोई धर्म, न कोई कर्म है – शिवाकांत पाण्डेय

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