उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश के अधिकारियों ने बाढ़ नियंत्रण के लिए किया विचार मंथन

रीवा जिले के त्योंथर क्षेत्र में बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए मध्यप्रदेश तथा उत्तरप्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विचार मंथन किया। कमिश्नर कार्यालय के एनआईसी केन्द्र से कमिश्नर रीवा बीएस जामोद ने कहा कि मध्यप्रदेश की टमस तथा उत्तरप्रदेश की बेलन नदियों के जल क्षेत्र में लगातार भारी वर्षा होने पर त्योंथर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो जाता है। बाढ़ से बचाव और स्थिति पर नियंत्रण के लिए दोनों राज्यों के अधिकारी वर्षा से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ तत्काल एक-दूसरे को उपलब्ध कराएं। बाढ़ नियंत्रण से संबंधित कंट्रोल रूम तत्काल शुरू कर दें। बाढ़ नियंत्रण से जुड़े प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर फोन नम्बर अपडेट कर लें। लगातार वर्षा की स्थिति में बांधों के जल स्तर तथा वर्षा की मात्रा के संबंध में हर घंटे जानकारी साझा करें। लगातार सम्पर्क और समन्वय से किसी भी आपात स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास करें। जल प्रबंधन की कमी के कारण किसी भी क्षेत्र में बाढ़ का प्रकोप नहीं होना चाहिए।

बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से शामिल कमिश्नर मिर्जापुर बीके त्रिपाठी ने कहा कि सिंचाई के लिए बांधों में पानी के संग्रहण के साथ-साथ आमजनता को बाढ़ से सुरक्षित रहने पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा। मेजा, सिरसी तथा अदवा बांधों में जल भराव में जल संसाधन विभाग के निर्धारित प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। बांधों से यदि आपात स्थिति में पानी छोड़ने की आवश्यकता हुई तो निचले इलाकों में समय पर सूचना दी जाएगी। दोनों राज्यों के अधिकारी टमस नदी के जल प्रवाह और बेलन नदी के जल प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए समन्वय से प्रयास करेंगे। हम त्योंथर क्षेत्र में बाढ़ न आए इसके लिए पूरी सावधानी बरतेंगे। वर्षा की स्थिति और अनुमानों के आधार पर बाढ़ से जुड़े आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ मैदानी अमला भी एक-दूसरे के साथ सतत संपर्क में रहेगा।

बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि टमस एक्वाडक्ट और बियर बांध में अधिक मात्रा में पानी आने पर टमस नदी के जलग्रहण क्षेत्र में जल स्तर में तेजी से वृद्धि होती है और त्योंथर क्षेत्र के 100 से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाता है। इस बियर बांध से जल निकासी की समुचित प्रबंधों की आवश्यकता है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी एक-दूसरे के संपर्क में रहकर सभी महत्वपूर्ण सूचनाएं समय पर दें तथा कंट्रोल रूम को भी लगातार स्थिति से अवगत कराएं। बैठक में चीफ इंजीनियर जल संसाधन विभाग अशोक कुमार डेहरिया ने कहा कि गत वर्षों के अनुभव तथा वर्षा की स्थिति के अनुसार बाढ़ नियंत्रण की कार्ययोजना तैयार की गई है। इससे जुड़े अधिकारियों के फोन नम्बर का व्हाट्सएप ग्रुप बना लिया गया है। अदवा, सिरसी और मेजा बांधों को भरने के प्रोटोकाल का यदि पालन करेंगे तो बाढ़ की स्थिति नहीं आएगी। बांधों को अधिकतम स्तर में भरने के लिए वर्षा के अंतिम चरण तक प्रतीक्षा करनी चाहिए। टमस और बेलन नदी के जल ग्रहण क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश होने पर दोनों राज्यों के अधिकारी बांधों से पर्याप्त अंतराल से पानी छोड़कर बाढ़ की स्थिति पर बहुत हद तक नियंत्रण कर सकते हैं। उन्होंने बाढ़ से निपटने के लिए किए गए प्रबंधों की बिन्दुवार जानकारी दी। बैठक में अपर कमिश्नर नीतू माथुर, पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह, कार्यपालन यंत्री मनोज तिवारी, उपायुक्त श्रेयस गोखले, संयुक्त आयुक्त दिव्या त्रिपाठी, कार्यपालन यंत्री अमरदीप त्रिपाठी, संभागीय कमाण्डेंट होमगार्ड महेशचन्द्र पंद्रे तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारी उपस्थ्ति रहे। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोनभद्र, मिर्जापुर जिलों के प्रशासनिक, पुलिस और जल संसाधन विभाग के अधिकारी बैठक में शामिल हुए।

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