खास खबर : त्योंथर सिविल अस्पताल में नहीं है पर्याप्त चिकित्सा रोगी होते हैं परेशान

चाकघाट। तहसील मुख्यालय त्योंथर के सिविल अस्पताल का नया स्वरूप जिस ढंग से लोगों के सामने दिखाई पड़ रहा है वह इस क्षेत्र के लिए एक वरदान से कम नहीं है। लंबे समय तक यहां 100 बेड अस्पताल के लिए लंबे संघर्ष के बाद तत्कालीन भाजपा विधायक श्यामलाल द्विवेदी के समय में नया स्वरूप और 50 वेड के लिए सर्व सुविधा युक्त नया अस्पताल का निर्माण कार्य प्रथम चरण में प्रारंभ हुआ। आगे चलकर अस्पताल 100 बेड के लिए तैयार होगा। सिविल अस्पताल के रूप में यहां सामान्य स्तर पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होगी और ज्यादातर उपकरण यहां पर आ चुका है।

मिली जानकारी के अनुसार त्योंथर के इस सिविल अस्पताल में लगभग 200 मैरिज की ओपीडी प्रतिदिन की हो रही है उसके बावजूद भी इतने बड़े अस्पताल में डॉक्टरों की कमी सर्वाधिक परेशान कर रही है। इस सिविल अस्पताल में में जहां 20 डॉक्टरों की नियुक्ति होनी चाहिए वहां महज तीन डॉक्टरों से ही काम चलाया जा रहा है। जिसमें डॉ. चरण सिंह को बीएमओ का भी प्रभार दिया गया है जिससे उन्हें समूचे विकासखंड का क्षेत्र का भ्रमण भी करना पड़ रहा है। हमारे प्रतिनिधि रामलखन गुप्त ने अस्पताल निरीक्षण के दौरान देखा कि इस अंचल में सर्वाधिक रोगी त्योंथर अस्पताल में आते हैं। यहां महिलाओं बच्चों एवं अन्य प्रकार के रोग से पीड़ित तथा दुर्घटनाग्रस्त रोगियों को भर्ती करने की भी सुविधा है और वर्तमान में लगभग 20 से 25 मरोगी प्रतिदिन अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, उसके बाद यहां चिकित्सकों की कमी है। महिला डॉक्टर एक भी नहीं है। जिससे महिला रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। माना जाता है कि इस सिविल अस्पताल में 12 चिकित्सक रोग विशेषज्ञ तथा 8 मेडिकल ऑफिसर के रूप में होने चाहिए। अस्पताल में क्षेत्रफल के मृतकों का पोस्टमार्टम, एमएलसी, आकस्मिक चिकित्सा, विशेष प्रकार के कैम्प निरंतर होते रहते हैं। यहां पर पदस्थ डॉक्टर चरण सिंह को विकासखंड चिकित्सा अधिकारी का भी दायित्व निभाना पड़ता है जिससे उन्हें संपूर्ण विकासखंड क्षेत्र में भ्रमण भी करना होता है। यहां रोग विशेषज्ञ के रूप में डॉ.चरण सिंह डॉ.एस. एन. पांडेय एवं पीजीएमओ के रूप में डॉ. श्याम बिहारी यहां पदस्थ हैं । इन तीन डॉक्टरों के भरोसे यह अस्पताल एवं विकासखंड क्षेत्र का स्वास्थ्य नियंत्रण चल रहा है। अस्पताल में वान्ट (अनुबंध)वाले डॉ. दिवेश गुप्ता और डॉ. मोहिल सोनी को नियुक्त किया गया था किंतु मार्च के प्रथम सप्ताह से ही यह दोनों डॉक्टर बिना किसी सूचना के इस अस्पताल से लापता है। इसकी जानकारी जिला चिकित्सा अधिकारी को भी दी गई है लेकिन उसके बावजूद भी कोई अन्य चिकित्सक की व्यवस्था यहां नहीं बन पाई है। यहां पूर्व में पदस्थ रहे डॉक्टर पाठक को भी नईगाढी के लिए भेज दिया गया है। यहां 100 विस्तारा अस्पताल की स्वीकृति के बाद प्रथम चरण में 50 बेड अस्पताल की औपचारिकता पूरी हो चुकी है। रोगियों का आना-जाना भी शुरू हो गया है लेकिन कितने बड़े अस्पताल में प्रर्याप्त डॉक्टर के न होने से रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश शासन के उपमुख्यमंत्री, जिले के स्वास्थ्य संबंधित अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है की त्योंथर में जनता की सेवा के लिए सरकार ने इतना बढ़िया और बड़ा अस्पताल निर्मित कर रही है तो यहां पर रोगियों के कल्याण के लिए पर्याप्त चिकित्सक भेजे जाएं, जिससे इस क्षेत्र के लोगों को समय पर समुचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। (रामलखन गुप्त)

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