चाकघाट। नगर के जिला सहकारी बैंक मर्यादित चाकघाट की शाखा में खातेदारों का लेनदेन आज अचानक बंद हो गया। पता चला कि इस बैंक के ऑला अधिकारियों को जिला कलेक्टर ने रीवा बुला लिया है। यहां पर यह सूचना अचानक आई या पूर्व से निश्चित था कि जिला कलेक्टर रीवा के यहां 22 मई 2025 को बैंक के शाखा प्रबंधकों एवं सहकारी समिति के प्रबंधकों का बैठक होने वाला है। आज जब दूर दराज ग्रामीण अंचल के अनेक खातेदार बैंक में राशि जमा और निकासी के लिए पहुंचे तो पता चला कि यहां की जिम्मेदार अधिकारियों को रीवा बुला लिया गया है। इसलिए बैंक से कोई लेनदेन नहीं हो सकेगा। शादी विवाह का समय है, लोगों को पैसे की जरूरत है किसी के यहां विवाह है तो किसी के यहां तिलक तो किसी के यहां अन्य धार्मिक व बीमारियों में उपचार के लिए पैसे की नितांत आवश्यकता है ऐसी स्थिति में जब कोऑपरेटिव बैंक शाखा चाकघाट में खातेदार
पहुंचे तो पता चलता है कि यहां मैनेजर की नहीं है और न ही किसी ऐसे व्यक्ति को प्रभार दिया गया है कि वे लोगों की राशि की जमा निकासी कर सके। ऐसे में निराश होकर कोऑपरेटिव बैंक के खातेदारों को वापस जाना पड़ रहा है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा चाकघाट के कई खातेदारों ने यह वेदना व्यक्त की है कि यदि पूर्व से ही जिला कलेक्टर महोदय की बैठक निश्चित थी तो पहले से ही बैंक के द्वारा कोई सूचना क्यों नहीं निकल गई? ताकि खातेदार यहां आकर परेशान न हो सके । घर से 25 किलोमीटर दूर सोनौरी क्षेत्र के जय उपाध्याय ने चर्चा में बताया कि वह इतनी दूर से आए और उन्हें उनके खाते से उन्हें पैसा नहीं मिल पाया। कई लोगों ने बताया कि यहां पर खातेदारों को तुरंत भुगतान नहीं दिया जाता उनसे एडवांस में निकासी का फॉर्म भर लिया जाता है और यह कहा जाता है कि पैसा नहीं है जब पैसा आएगा तब भुगतान मिलेगा और लोग बार-बार चक्कर लगाते हैं उन्हें पैसा नहीं मिल पाता। आरटीजीएस के मामले में भी यहां घोर लापरवाही बरती जा रही है लोगों को समय पर आरटीजीएस नहीं किया जाता। आरटीजीएस का फॉर्म भरवा के रख लेते हैं। पैसा निकासी का फॉर्म भी भरा लेते हैं लेकिन समय पर उन्हें पैसा नहीं दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणो एवं किसानों की मानी जाने वाली जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के लोगों का मोह भंग होता जा रहा है। जिला प्रशासन एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से अपेक्षा है कि वह कोऑपरेटिव बैंक शाखा चाकघाट में जमा निकासी के मामले में खातेदारों के साथ न्याय करें उन्हें परेशान न करें जिससे किसानों का इस बैंक से मोह भाग न होने पाए। इस बैंक का जहां कार्यालय है वहां किसी तरह का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है कि लोग जान सके की यही जिला सहकारी समिति का बैंक है। (रामलखन गुप्त)
