सीधी। प्रदेश के सभी जिलों के साथ-साथ रीवा संभाग के सीधी जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान लगातार चलाया जा रहा है। अभियान के तहत जिले भर में जल संरक्षण और संर्वधन के कार्य किए जा रहे हैं। सीधी विकासखण्ड के शिवमंदिर के लिए विख्यात ग्राम बढ़ौरा में गजास नदी की साफ-सफाई के लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने सामूहिक रूप से श्रमदान किया। सांसद सीधी डॉ राजेश मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजूराम सिंह, कमिश्नर रीवा बीएस जामोद, कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंशुमान राज तथा जन अभियान परिषद के सदस्यों एवं ग्रामीणों ने बड़े उत्साह के साथ दो घंटे तक हिर्रहवा घाट में साफ-सफाई कर बोरी बांध बनाए। इस अवसर पर ग्रामीण महिलाओं ने मंगल गीत गाकर शिवजी की वंदना की और लोकगीतों के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश दिया।
इस अवसर पर सांसद डॉ मिश्रा ने कहा कि परंपरागत रूप से हम सब प्राचीन काल से प्राकृतिक शक्तियों की पूजा करते आए हैं। आज भी संतान को जन्म देने के बाद प्रसूता से कुंआ पूजन कराया जाता है। मांगलिक कार्यों के बाद इसका समापन चौथी छुड़ाने के रूप में जलाशय में ही होता है। यहाँ तक कि अंतिम संस्कार के बाद भी जलाशय में सामूहिक रूप से स्नान किए जाने की परंपरा रही है। मानव के जीवन में नदियों का अमूल्य योगदान है। इसलिए हम नदियों को माता मानते हैं। जल गंगा संवर्धन अभियान में गजास नदी की साफ-सफाई का कार्य शुरू करके रीवा संभाग के कमिश्नर ने सराहनीय पहल की है। बढ़ौरा भगवान शिव का धाम है। गजास नदी में स्नान करके इससे भक्त शिव जी का अभिषेक करते थे। इसे पुन: साफ करके सदानीरा और पवित्र बनाएंगे। हिर्रहवा घाट में पुल और स्टॉप डैम का निर्माण भी किया जाएगा।
कार्यक्रम में कमिश्नर श्री जामोद ने कहा कि हम अपने पुरखों द्वारा विभिन्न माध्यमों से धरती माँ की कोख में संचित किए गए पानी का वर्षों से उपयोग कर रहे हैं। अब समय आ गया है हम सबको धरती माँ की कोख में जल का कोष बनाना है। हमने समय रहते जल संरक्षण के कार्य नहीं किए तो आने वाली पीढ़ी का जीवन संकट में होगा। पृथ्वी में वनों के विनाश और जल स्त्रोतों के अविवेकपूर्ण दोहन से तापमान लगातार बढ़ रहा है। केवल कुछ डिग्री तापमान बढ़ गया तो पृथ्वी पर मानव और अन्य जीवों का जीवन समाप्त होने लगेगा। जल गंगा संवर्धन अभियान वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसे महज अभियान नहीं जन आंदोलन बनाएं। हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में जल संरक्षण में योगदान दें। खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में रहेगा तभी खेती संभव है। पक्के घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाएं। कुंओं और हैण्डपंप में रिचार्ज पिट बनाएं। खेत तालाब और अमृत सरोवर बनाकर वर्षाजल का संचय करें। जल संचय और वृक्षारोपण सबसे बड़ा पुण्य है। इस अवसर पर एसडीएम गोपद बनास नीलेश शर्मा, सीईओ जनपद पंचायत अशोक तिवारी, संयुक्त संचालक डॉ राजेश मिश्रा, क्षेत्रीय संचालक उच्च शिक्षा आरपी सिंह, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय अनिल दुबे, संभागीय समन्वयक जन अभियान परिषद प्रवीण पाठक, जन अभियान परिषद के सदस्य कृष्णकांत द्विवेदी, सरपंच बढ़ौरा रामलाल कोल, शिवदत्त उरमलिया तथा बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।