हाईकोर्ट मध्य प्रदेश द्वारा बीएड डिग्री वाले प्राथमिक शिक्षकों की सेवा समाप्ति पर स्थगन आदेश जारी कर दिया गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए बीएड की डिग्री को अयोग्य माना गया था।
श्रृष्टि भार्गव, गुर शिखा शुक्ला, शिवम पटवा, सपना सोलंकी श्रिया गुप्ता को क्रमशः दिनांक 05/10/23 को प्राथमिक शिक्षक के पद पर, नियुक्ति भर्ती नियमों के अनुसार दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बी एड धारकों को एलिमेंट्री एजुकेशन प्रदान करने के लिए, अयोग्य माना गया था एवम 10/08/23 के बाद, मध्य प्रदेश में नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों या अन्य राज्यो में जिस नाम से भी जाने जाते हैं, प्राथमिक स्तर पर, को सेवा हेतु अयोग्य माना गया था। परंतु, न्यायहित में 10/08/23 तक नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों की सेवा समाप्ति को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निषेधित कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश में कहा गया था की आदेश का प्रभाव भविष्य लक्षी है।
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने, 10/08/23 के बाद भी, पूर्व की या सुप्रीम कोर्ट के आदेश जारी होने से पूर्व की संपादित चयन प्रक्रिया के आधार पर, प्रतीक्षा सूची के आधार पर, एवम 2018 के भर्ती नियमों के आधार पर, जिसमे बी एड धारकों को प्राथमिक शिक्षक हेतु, योग्य माना गया है बशर्ते उन्हें, 6 मास के अंदर, ब्रिज कोर्स करना होगा, के आधार पर, प्राथमिक शिक्षक के पद पर, दिनांक 05/10/23 नियुक्ति दी गई थी। अचानक 28/08/24 को आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल द्वारा, जिला शिक्षा अधिकारियो को निर्देश जारी कर 10/08/23 में बाद, नियुक्त शिक्षकों को टर्मिनेट करने के लिए कहा गया था। प्राथमिक शिक्षकों द्वारा, आयुक्त द्वारा जारी आदेश को, उच्च न्यायालय जबलपुर में चुनौती दी गई थी। याचिका कर्ता शिक्षको की ओर से,पैरवी करते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील ने कोर्ट को बताया की सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कट ऑफ डेट के पूर्व ही चयन प्रक्रिया पूरी हो गई थी। याचिका कर्ता शिक्षकों की नियुक्ति भर्ती नियमो के प्रावधानों के अनुसार हुई थी।अतः, अक्टूबर में नियुक्त शिक्षक भी संरक्षित हैं, चूंकि भर्ती नियम अभी भी अस्तित्व में हैं।