चाकघाट। रीवा जिले अंतर्गत आने वाली नगर परिषद चाकघाट के भी हाल आम दिनों में तो बेहाल रहते ही हैं लेकिन बरसात के समय में हालत और खराब हो जाती है।नगरपरिषद चाकघाट अंतर्गत कई मकान आजादी के पहले के हैं जो समय के साथ इतने जर्जर हो चुके कि किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। आपको बता दें ऐसा ही एक मकान वार्ड क्रमांक 9, कस्तूरबा गांधी वार्ड में भी स्थित है। दी गई जानकारी के मुताबिक यह मकान आजादी से पहले का है और हालत खस्ता है। यह मकान चाकघाट मुख्य बाजार के मुख्य मार्ग गौरा रोड में नेहरू स्मारक कॉलेज के पास स्थित है। यहां से दिन भर में हजारों लोग आवागमन करते हैं। ऐसे में अगर जर्जर मकान बरसात के चलते या हद से ज्यादा जर्जर होने की वजह से गिरता है तो कई जिंदगियां निगल सकता है। इस संबंध में कई बार नगर परिषद कार्यालय चाकघाट को सूचना भी दी जा चुकी है लेकिन कार्यवाही शून्य देखने को मिली। आसपास के लोगों से बात हुई तो उन्होंने नगर परिषद सीएमओ पर ही आरोप लगाना शुरू कर दिया। लोगों ने बताया कि चाकघाट सीएमओ द्वारा कार्यवाही महज खानापूर्ति रहती है जिसके चलते पहले भी उन पर कार्यवाही हो चुकी है। एक तरफ गढ़ और सागर जैसे हादसों ने कई मासूम को असमय ही काल के गाल में डाल दिया और प्रशासन मूक दर्शक बना देखता रहा। अब देखना होगा कि चाकघाट के इस जर्जर भवन को पहले प्रशासन गिराता है या अपनी स्थित के चलते स्वयं भारभरा कर लोगों के ऊपर कहर बनकर गिरेगा ?
