सिंगरौली, मध्य प्रदेश। सिंगरौली जिले से शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई है, जहां नवजात बच्चे के शव को ले जाने के लिए शव वाहन तक नसीब नहीं हुआ। मजबूर होकर पिता ने बाइक की डिक्की में ही नवजात के शव को रखा और मदद के लिए कलेक्टर के पास पहुंच गया जिसके बाद हंगामा मच गया।
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सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने निजी क्लिनिक भेजा
मामला सिंगरौली जिला अस्पताल का है। जहाँ 17 अक्टूबर को दिनेश भारती अपनी पत्नी मीना का प्रसव कराने के लिए लेकर अस्पताल पहुंचा था। लेकिन यहां पदस्थ डाक्टर सरिता शाह ने प्रसव कराने की बजाए महिला को शासकीय अस्पताल से निजी क्लीनिक भेज दिया। क्लीनिक में पदस्थ कर्मचारियों ने पांच हजार रुपये लिए, लेकिन जब क्लीनिक के कर्मचारियों को पता चला की बच्चे की कोख में ही मौत हो चुकी है तो उसे वापस जिला अस्पताल भेज दिया गया। जहाँ कोख में मृत हो चुके नवजात को बाहर निकाला गया।
अन्य कर्मचारियों ने पांच हजार रुपये वसूले
दिनेश भारती ने लिखित में शिकायत दी है, जिसमें उन्होंने डाक्टर पर पांच हजार रुपये लेने की बात कही है। कलेक्टर ने पूरे मामले की जांच की बात कही है। क्लीनिक में पदस्थ अन्य कर्मचारियों ने उससे पांच हजार रुपये भी लिए। लेकिन जब क्लीनिक के कर्मचारियों को यह पता चला की बच्चे की कोख में ही मौत हो चुकी है तो उसे वापस जिला अस्पताल भेज दिया गया। और वहां उसके मृत बच्चे को निकाला गया। स्वजन ने अपने बच्चे के शव को अपने गांव ले जाकर उसका अंतिम संस्कार करने के लिए मंगलवार को शव वाहन या एंबुलेंस की मांग की पर अस्पताल प्रबंधन ने पीड़ित को शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया।