खबर मध्य प्रदेश के रीवा से है जहां आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ ठेकेदारों की मनमानी पढ़ रही है भारी। आपको बता दें कि आउटसोर्स कर्मचारियों को ठेकेदार के द्वारा भरपूर सेफ्टी और सुरक्षा का इंतजाम ना करते हुए मौत के मुंह में डाला जाता है। वहीं सरकार भी आज तक इन कर्मचारियों के लिए सोती हुई दिखाई पड़ रही है। जिन कर्मचारियों के दिन रात मेहनत से दिन रात क्षेत्र में प्रकाश होता है। हम बात कर रहे हैं बिजली विभाग के आउट सोर्स कर्मचारियों की जोकि बराबर मेहनत कर विद्युत का कार्य सुधारने में लगे रहते हैं। जिससे क्षेत्र में अंधेरा ना हो। अगर 1 घंटे के लिए बिजली गुल हुई तो क्षेत्र में त्राहि-त्राहि मच जाती है, वही सरकार है कि ऐसे कर्मचारियों के लिए सोती हुई दिख रही है। अभी ताजा मामला बिजली कम्पनी के आउटसोर्स कर्मी नरेंद्र कुमार शाह का है जो खम्बे में कार्य के दौरान करेंट की चपेट आ गया, जिससे उसके पाव व कमर में गम्भीर चोट आई है। घटना सिंगरौली की है। नरेंद्र कुमार उपचार हेतु संजय गांधी अस्पताल में भर्ती है। जैसे ही इसकी जानकारी विन्ध्य आउटसोर्स कर्मचारियों के संगठन के पदाधिकारियों को हुई विन्ध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी के साथ प्रदेश अध्यक्ष मुकेश पांडेय व प्रदेश सचिव सतीश चौबे तुरन्त घायल आउटसोर्स कर्मी नरेंद शाह से मिलने पहुँचे व आर्थिक मदद की, संगठन के पदाधिकारियों का कहना था कि आखिर कब तक आउटसोर्स कर्मचारियों की सरकार शिवराज जान लेती रहेगी ? जो आउट सोर्स की बात करेगा वही मध्यप्रदेश में राज करेगा। आउटसोर्स कर्मचारी बहुत जल्द आगामी आने वाले चुनाव में मतदान का विरोध करेगा और बहुत जल्द जन जागरण अभियान के तहत पूरे प्रदेश के कर्मचारियों को वोट डालने से एवं मतदान का बहिष्कार करने का संगठन मुहिम चलाएगा।
