जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी विकासखंडों में ग्राम सभा का आयोजन किया गया। महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय के निर्देशन पर ग्राम सभाओं में सभी परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक, पंचायतों के सरपंच, सचिव, पंचायत सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकताओं और सहायिकाओं द्वारा सामाजिक पहलू से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा का आयोजन किया गया। ग्राम सभाओं में मुख्य रूप से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 पर चर्चा की गई। ग्राम सभाओं में उपस्थितजनों को बताया कि अधिनियम के तहत बालिका का विवाह 18 वर्ष के बाद एवं बालक का विवाह 21 वर्ष के बाद किया जाना चाहिए। ये न केवल उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक है बल्कि इससे समस्त समाज का उत्थान भी संभव है। ग्राम सभा में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना पर भी चर्चा की गई। योजना पर चर्चा करते हुए बताया गया कि बिना बेटी के समाज का अस्तित्व अधूरा है और शिक्षित एवं सशक्त बेटी से ही सशक्त समाज की कल्पना की जा सकती है। समाज को सशक्त बनाने में स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों के महत्व पर भी चर्चा की गई। ग्राम सभा में आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कुपोषण को अपने ग्राम पंचायत से दूर करने तथा कुपोषण मुक्त ग्राम बनाने के लिए ग्रामीणों ने शपथ ली।
