चाकघाट। त्योंथर क्षेत्र में नदी से बालू का अवैध उत्खनन एवं ओवरलोड वाहनों का संचालन आखिर किसके संरक्षण में हो रहा है? शासन से जहां एक ओर नदी से अवैध बालू निकासी के लिए कठोर कार्रवाई का प्रावधान है वहीं त्योथर क्षेत्र के में बहने वाली तमसा एवं बेलन नदी से अवैध रूप से बालू का उत्खनन एवं निकासी तेजी से हो रहा है, जिसकी जानकारी पुलिस सहित उनके विभागीय अधिकारियों को भी है लेकिन इस पर रोक लगाने की बजाय इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। दावे के साथ तो नहीं कहा जा सकता लेकिन इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता कि यदि अधिकारियों का संरक्षण उत्खनन करने वाले लोगों को न मिलता तो शायद बालू उत्खनन का काम इतनी तेजी से न होता। ठीक इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 पर ट्रकों का ओवरलोड निकासी धड़ल्ले से हो रहा है। सूत्रो की माने तो ओवरलोड वाहनों से हर माह एंट्री के नाम पर वसूली की जाती है। पुलिस की यह अवैध इन्ट्री जो लाखों रुपए में होती है उसमें किन-किन अधिकारियों का हिस्सा लगता है कहा नहीं जा सकता पर इस मामले में उच्च अधिकारियों की खामोशी यह बताती है कि कोई न कोई प्रलोभन तो है जिसके कारण में इस मामले में पूरी तरह से खामोश हैं। इस रोड पर चलने वाले गिट्टी के ओवरलोड वाहनों से जहां खनिज विभाग पुलिस विभाग मासिक वसूली कर रही है वहीं ओवरलोड के नाम पर टोल बैरियर में भी मनमाना वसूली की जा रही है। यहअवैध वसूली ओवरलोड के नाम पर अनुचित ढंग से की जा रही है जिसका विरोध करने पर वाहन चालकों के के साथ मारपीट भी की जाती है। टोल बैरियर पर पुलिस का संरक्षण होने की वजह से टोल कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं हो पाती और वाहन चालक किसी तरह अपनी जान बचाकर मनमाना पैसा देकर यहां से निकाल लेते हैं। राजमार्ग क्रमांक 30 पर चलने वाले वाहनों में ओवरलोड को रोकने के लिए जहां परिवहन से पोस्ट बैरियर स्थापित किया गया है, वहीं विभिन्न स्थानों पर पुलिस की निगरानी के बावजूद ओवरलोड वाहन खुलेआम चल रहे हैं। इस पर न तो पुलिस विभाग कार्यवाही करती और न ही परिवहन विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही की जाती है। सूचनाओं की माने तो ओवरलोड और बालू निकासी अधिकारियों की अवैध कमाई का जरिया बना हुआ है जिसकी गुप्त जांच कर इस मार्ग पर चलने वाले ओवरलोड वाहन एवं नदी से हो रही बालू की निकासी पर रोक लगाया जाना चाहिए। (रामलखन गुप्त)
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