मामला रीवा जिले के तहसील सिरमौर का है, जहाँ सेक्शन राइटर सतेन्द्र सिंह एवं राजेश पांडेय को पूर्व रीवा कलेक्टर8 द्वारा 22/8/2009 को सेवा से पृथक कर दिया गया था,
बाबजूद दोनों कर्मचारी जबलपुर उच्च न्यायालय से स्टे प्राप्त कर पुनः काम में लग गये लेकिन जानकारी के मुताबिक उच्च न्यायालय द्वारा दोनों कर्मचारियों की रिट पिटीशन WP. No.3601/2010 जो निरस्त कर दी गई थी। इसके बाबजूद भी विभाग के अधिकारियों को आर्थिक लाभ देकर दोनों कर्मचारी पद में वैसे के वैसे ही बने रहे, जिस मामले की शिकायत राजेश कुमार सिंह अधिवक्ता द्वारा वर्तमान रीवा कलेक्टर के समक्ष कि गई थी, परन्तु दोनों कर्मचारी अधिकारियों के खासमखास है। इस कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिस मामले से व्यथित होकर शिकायत कर्ता अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह ने मामले को लेकर उच्च न्यायालय जबलपुर का दरवाजा खटखटाया। जिसमे माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने WP. No.8090 of 2024 न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने दिनांक 05/04/2024 को रीवा कलेक्टर को पत्र जारी कर यह आदेशित किया है कि सेवा मुक्त कर्मचारी कार्य में कैसे बने हुए है।
कलेक्टर इस संबंध मे स्वतः हाजिर होकर शपथ पत्र दें, साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि क्यों न कलेक्टर रीवा के विरुद्ध लोकायुक्त कि कार्यवाई प्रस्तावित कि जाए। जबलपुर हाईकोर्ट ने रीवा कलेक्टर को एफिडेविट प्रस्तुत करने 10 दिन का समय दिया है।
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