सरकार की योजनाओं में जमकर धांधली – न कार्यवाई का डर न जुर्माने का – मिलता है किसका संरक्षण

एक तरफ मौजूदा राज्य सरकार और केंद्र सरकार मंचो से बड़े – बड़े भाषण देती हैं कि “न खाऊंगा न खाने दूंगा” तो दूसरी तरफ कई योजनों में यह निकल कर सामने आया है कि मौजूदा सरकार से जुड़े लोगों, नेताओं और कर्मचारियों द्वारा जम कर धांधली कि गई है। फिर चाहे वो सड़क निर्माण हो, नल जल योजना हो, आवास आवंटन हो, उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन हो, गरीबी रेखा कार्ड हो, गौशाला निर्माण हो, खेत तालाब हो, आदि में प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष रूप से विधायक – मंत्री या उनके रिश्तेदार शामिल होने की बात लोगों के बीच आम है। अब ऐसा नहीं है कि क्षेत्रियों विधायकों को इसकी जानकारी नहीं होती कि जनता के बीच क्या चल रहा है। बावजूद न तो समय निकाल उनके बीच बैठते हैं और न ही किसी योजना को लेकर जाँच या सवाल – जबाब करते हैं। रीवा जिले में कई योजनाओं में तो यह तक पाया गया कि संसद निधि या विधायक निधि का जमकर दुरपयोग हुआ है। जहाँ निर्माण के नाम पर मोटी रकम तो वसूल ली गई लेकिन महज कुछ दिनों में ही निर्माण धराशायी हो गया। इतना ही नहीं जनपद त्योंथर कि फरहदी पंचायत में पिछले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में महज दो – चार ट्रॉली मुरुम गिराकर लाखों रूपए अहरण कर लिए गए, इस सम्बन्ध में शिकायत भी जनपद सीईओ तक पहुंची लेकिन तत्कालीन विधायक के दबाव में कोई कार्यवाई नहीं होती दिखी। ऐसे और भी मामले हैं जिन्हे या तो ठन्डे बस्ते में फेंक दिया गया या फिर जाँच के नाम पर लटका दिया गया। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा सबसे कारगर योजना उज्ज्वला योजना 2.0 में चल रही धांधली और हो रही वसूली को लेकर खबरें चली लेकिन शायद राजनितिक हस्तक्षेप या ऊँची पहुँच कि वजह से गीता गैस एजेंसी चाकघाट पर किसी भी अधिकारी कि हिम्मत नहीं हुई कि चल रही खबरों को लेकर जाँच – पड़ताल किया जाय जबकि हितग्राहियों द्वारा गोदाम में ही बताया गया कि कैसे उनसे 1200 से 1500 रूपए लेकर उज्ज्वला योजना 2.0 का कनेक्शन जारी किया गया। इतना ही नहीं उज्ज्वला योजना 2.0 में पंजीकरण से लेकर कनेक्शन वितरण तक हितग्राहियों से पैसे ऐंठे गए और स्वयं हितग्राहियों ने पूरी पोल खोली बावजूद अभी तक जनपद से लेकर जिले तक के कोई भी अधिकारी कार्यवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाये और सूत्रों के मुताबिक कनेक्शन वितरण के नाम पर अभी भी वसूली जारी है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसे लोगों या संस्थानों को कौन संरक्षण दे रहा है ? क्या निःशुल्क योजनाओं में लिये गये जबरन शुल्क में सफ़ेद पोश भी हिस्सेदार हैं ?

चुनाव से पहले थम सकते हैं डायल – 100, 50 का रिमाइंडर बिल

Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram
Email

Leave a Comment

ट्रेंडिंग खबर

ट्रेंडिंग खबर

today rashifal

हमसे जुड़ने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है... पोर्टल पर आपके द्वारा डाली गयी खबर/वीडियो की सभी जानकारी घटनास्थल और घटना का समय सही और तथ्यपूर्ण है तथा घटना की खबर आपके क्षेत्र की है।अगर खबर में कोई जानकारी/बात झूठी या प्रोपेगेंडा के तहत पाई जाती है तो इसके लिए आप ही ज़िम्मेदार रहेंगे।