बोर्ड परीक्षा : छात्रा ने विद्यालय के प्राचार्य पर लगाया था गंभीर आरोप, बताया जा रहा बेबुनियाद

रीवा जिले के सितलहा सकुँल केन्द्र के अन्तर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चाँदी संचालित है। इसी विद्यालय में अध्ययनरत छात्रा सीमा सेन तनय विनय सेन द्वारा आरोप लगाय गया कि विद्यालय के प्राचार्य द्वारा गलत तरीके से परीक्षा फार्म भरने से स्ट्रीम बदल गया और विज्ञान की जगह कला स्ट्रीम से परीक्षा देने के लिए बाध्य हो गई।

क्या है आरोप
छात्रा ने आरोप लगाया की मैं 11वी कक्षा में कला स्ट्रीम की छात्रा रही हूँ और 12वी में मैं आर्ट से अलग साइन्स स्ट्रीम की छात्रा के रूप में अध्ययनरत रही हूँ। मेरे द्वारा तिमाही और छमाही की परीक्षा साइन्स स्ट्रीम से दी गई है।

स्कूल प्रशासन ने बताया बेबुनियाद आरोप
मामले में हमारे संवाददाता ने चल रही खबरो की जाँच – पड़ताल की और प्रभारी प्राचार्य विश्वनाथ द्विवेदी जी से लगाए गए आरोपों को लेकर सवाल – जबाब किया। उन्होंने बताया की जब छात्रा 11वीं कला स्ट्रीम से है तो 12वीं में विज्ञान से परीक्षा फॉर्म नहीं डाल सकती। साथ ही उन्होंने बताया की जिस परीक्षा का हवाला देकर वो आरोप लगा रही उसमें तो अनुपस्थित थी और यह विद्यालय के दस्तावेज में मौजूद है। उन्होंने कहा कि यदि छात्रा साइन्स स्ट्रीम में अध्ययनरत रही है तो परीक्षा का फार्म छात्रा और परीक्षा प्रभारी के द्वारा ही भरा गया है। जिसमें ग्यारहवी में कला स्ट्रीम की ही छात्रा रही है, जो कि अपना बयान भी चैनलो के माध्यम से दे चुकी है। बराहवी में तिमाही और छमाही की परीक्षा विज्ञान स्ट्रीम से भी नहीं दिया है जबकि परीक्षा फार्म स्वयं छात्रा एवं परीक्षा प्रभारी की निगरानी मे भरा गया है। उन्होंने कहा आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और साजिसन लगाया गया है जिसकी विभागीय जांच आवश्यक है।

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एक नज़र
एक तरफ छात्रा के भविष्य को लेकर सवाल है कि आखिर 11वीं कला स्ट्रीम से पढ़ने के बाद 12वीं विज्ञान से क्यों भरना चाहती है। आखिर इस सम्बन्ध में क्या नामांकन दाखिल करने से पहले कोई आवेदन स्कूल प्रशासन को दिया गया था। साथ ही दूसरी तरफ प्रभारी प्राचार्य द्वारा जो जानकारी दी गई कि 11वीं में स्ट्रीम का चयन करने के बाद 12वीं में स्ट्रीम में परिवर्तन नहीं किया जा सकता, कितनी सही है। अब दोनों ही पक्षों के आरोप – प्रत्यारोप को अगर ध्यान से पढ़ा जाय तो मामले में कोई सिर पैर नज़र नहीं आता है। अब ऐसे में कोई जाँच होगी भी तो कब होगी यह भविष्य के गर्त में हैं। (कमलेश् शुक्ला के साथ दिनेश द्विवेदी, त्योंथर)

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