विधानसभा क्षेत्र त्योंथर 70 कहने को तो बेहद ही शांत और समृद्ध क्षेत्र है लेकिन जैसे ही चुनावी बयार चलती है सियासी घमासान शुरू हो जाता है। इसकी जीती जागती कहानी हाल ही में लोगों के बीच काफी प्रचलन में चल रही है। हालाँकि यह कहानी सियासत के सिंघासन से गलियारों तक आम है लेकिन इस कहानी ने एक आम को खास बना दिया तो कई लोगों को उपेक्षित भी होना पड़ा। एक तरफ वर्षों से भाजपा के कर्त्तव्यनिष्ठ कार्यकर्त्ता थे तो दूसरी तरफ हाल ही में भाजपा से जुड़े सिद्धार्थ तिवारी। सिद्धार्थ तिवारी, स्वर्गीय श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी के पोते हैं, जिन्हे विंध्य का सफ़ेद बाघ कहा जाता था। कांग्रेस पार्टी द्वारा लम्बे समय से टिकट की दौड़ में शामिल सिद्धार्थ तिवारी को नज़र अंदाज कर दो बार के प्रत्याशी रहे रमाशंकर सिंह पटेल पर भरोषा जताया गया। जिसके बाद सिद्धार्थ तिवारी द्वारा भाजपा की सदस्यता लेकर विंध्य सियासत में तहलका मचा दिया गया। अमूमन दल बदल कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन सिद्धार्थ तिवारी का भाजपा में शामिल होना राजनीति की दुनिया में एक अलग तहलका साबित हुआ। भाजपा में शामिल होते ही लोगों द्वारा कयास लगाए जाने लगे थे कि सिद्धार्थ तिवारी त्योंथर 70 से उम्मीदवार हो सकते हैं। शायद यह बयार इतनी ज्यादा चल गई कि भाजपा के त्योंथर 70 के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ – साथ अन्य दावेदार भी अपना सामुहिक इस्तीफा लेकर हाईकमान के पास पहुँच गए लेकिन बात तब भी नहीं बनी। हालाँकि सियासत कि गलियों से दूर आम जनता को उम्मीदवार के शहर से या घर से कोई लेना – देना नज़र नहीं आया लेकिन सियासत में उथल – पुथल करने के लिए तमाम दलों के समर्थक और कुछ सामजिक संगठन भी आम जनता को लुभाने में लगे हैं।
हेलीकॉप्टर लैंडिंग का विरोध
भाजपा की आज जारी 5वी सूची में त्योंथर 70 से उम्मीदवार का जैसे ही नाम सामने आया तो कहीं विरोध तो कहीं जिंदाबाद के नारे लगने लगे। कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में तो त्योंथर 70 से उम्मीदवार सिद्धार्थ तिवारी को बाहरी उम्मीदवार कह कर विरोध किया गया तो कहीं हेलीकाप्टर लैंडिंग वाले नहीं चलेंगे लिखा गया। हालाँकि इनमें से कुछ लोग किसी न किसी पार्टी या व्यक्ति के समर्थक हो सकते हैं लेकिन ये विरोध आज का नहीं है।
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