कुशमेन्द्र सिंह, जवा। आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी ग्राम पंचायत कोनी कला अंतर्गत ग्राम चांद कुरैली के लोगो को सड़क नसीब नहीं हो पाई है, जिसके चलते कई मुश्किलों और परेशानियों से करते हैं दो – दो हाँथ। ग्रामीणों ने इस परेशानी को लेकर ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव सहित विधायक पर साधा है निशाना। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के दौरान किये जाते है बड़े बड़े दावे लेकिन चुनाव ख़त्म होते ही सब हो जाते हैं धराशायी। अपनी समस्या को लेकर ग्रामीण सिरमौर विधायक को कई बार दे चुके हैं आवेदन लेकिन सिर्फ मिलता है आश्वासन।
हम बात करने जा रहे रीवा जिले के जनपद पंचायत जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत कोनी कला के चांद कुरैली गांव की। जहाँ पर आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी ग्राम पंचायत एवं प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत आज तक सड़क का निर्माण कार्य नहीं कराया गया। जिसके चलतन यहाँ के लोग कई सुविधाओं एवं योजनाओं से वंचित रहते हैं। इत्तेफाकन यदि कोई महिला पेट से है या किसी की तबियत ज्यादा खराब हो जाये तो महज उसे खाट के सहारे ही गांव से बाहर मुख्य मार्ग तक लाया जा सकता है। इतना ही नही गांव तक सड़क नहीं होने से यहाँ के बच्चे पढ़ने से भी वंचित हो रहे। 5वी कक्षा तक संचालित स्कूल भी गांव से दूर बनी हुई है, जहाँ रास्ता नहीं होने कि वजह से बरसात में बच्चे स्कूल तक नहीं पहुँच पाते। जानकारी के मुताबिक यह स्कूल भी एक या दो शिक्षक के सहारे ही संचालित हो रही है। उसमें भी एक शिक्षक को बीएलओ की जिम्मेदारी दी हुई है और दूसरा स्कूल में पढ़ा दिया करते हैं। बताया ये भी जाता है कि स्कूल कभी काभार ही लगती है जिस कारण वहाँ के बच्चे प्राथमिक शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। बावजूद ग्राम पंचायत, शासन – प्रशासन और चुने हुए जनप्रतिनिधियों के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है । वहीं ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के दौरान ग्राम पंचायत से लेकर विधानसभा और लोकसभा के प्रत्यासी आते हैं और सड़क निर्माण सहित बड़े – बड़े वादे करते हैं और जीतने के बाद भूल जाते हैं। जिस कारण ये गांव आजादी के 75 साल बाद भी आज़ादी के अमृत महोत्सव से महरूम रह गया है। आखिर इस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों कि उपेक्षा के बावजूद क्या तराई में अमृत काल की बात करना जायज है ?