भ्रष्टाचार की शिकायत पर सीईओ ने फरियादी को धमकाया, सीईओ सौरभ संजय सोनवणे ने कहा FIR दर्ज करवाओ

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा संजय सौरव सोनवणे द्वारा भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का मामला प्रकाश में आया है। एक वायरल हुई वीडियो के माध्यम से पता चला है कि रीवा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय सौरव सोनवणे ग्राम पंचायत चौरी और ग्राम पंचायत सेदहा जनपद पंचायत गंगेव में भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच करने के लिए मौके पर आए थे। दोनों ही ग्राम पंचायतों में व्यापक स्तर का भ्रष्टाचार हुआ है जिसमें कई जांचों के बाद कई लाखों की वसूली बनाई गई है। जहां ग्राम पंचायत चौरी में अब तक 50 लाख से अधिक की वसूली बनाई जा चुकी है वहीं ग्राम पंचायत सेदहा में लगभग 26 लाख रुपए की वसूली बनाई गई है। ग्राम पंचायत सेदहा शांतिधाम, पुलिया-रपटा निर्माण और 14 वें वित्त आयोग की परफारमेंस ग्रांट में गड़बड़ी की शिकायत की जांच पर वसूली बनाई गई। वहीं ग्राम पंचायत चौरी में भी पुलिया, रपटा, पीसीसी सड़क, पानी की टंकी निर्माण, कार्यालयीन व्यय एवं पूर्व सरपंच सविता जायसवाल के द्वारा अपने बेटे के नाम पर फर्जी वेंडर्स बनाकर राशि आहरण किए जाने जैसे कई मामलों में लगभग 50 लाख रुपए के आसपास की वसूली बनाई गई थी।

वायरल वीडियो में चौरी ग्राम पंचायत कि शिकायतकर्ता पर एफआईआर दर्ज करवाए जाने के लिए सीईओ जिला पंचायत बना रहे दबाव
अभी हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमे सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने अपने फेसबुक और ट्विटर में लगभग 40 सेकंड का वीडियो अपलोड करते हुए लिखा है कि कैसे सीईओ जिला पंचायत अब फरियादी पर ही एफआईआर दर्ज करवाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि जिला पंचायत संजय सौरव सोनवणे अपने कार्य में असफल हुए हैं और भ्रष्टाचारियों को खुलेआम समर्थन दे रहे हैं। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है की चौरी ग्राम पंचायत की ग्राम रोजगार सहायक आरती त्रिपाठी के द्वारा कहा जा रहा है कि शिकायतकर्ता आर डी मिश्रा के द्वारा काम नहीं किया जाने दे रहा है लेकिन वास्तविकता यह है जिस सामुदायिक भवन में पेवर ब्लॉक निर्माण की बात की जा रही है उसकी राशि एक वर्ष पहले ही बिना कार्य कराए ही निकाली गई थी और अभी तक काम नहीं हुआ।

सीईओ संजय सौरव सोनवणे पंचायत राज अधिनियम के विरुद्ध कर रहे आचरण
सवाल यह है कि जिस पंचायती कार्य के लिए राशि की निकासी एक वर्ष पहले की जा चुकी है और काम मौके पर नहीं हुआ क्या वह कार्य नए पंचायती कार्यकाल में नया सरपंच करा सकता है? चौरी के नए सरपंच लल्ला कोल ने सीईओ की कार्यप्रणाली पर आपत्ति जाहिर की है और कहा है कि जो कार्य अभी अप्रारंभ हैं और जिनका राशि आहरण उनके कार्यकाल में होगा मात्र वही काम कराए जाने के लिए वह बाध्य हैं। यदि वरिष्ठ अधिकारी उनके ऊपर दबाव लगाकर पुराने गवन किए हुए कार्य करवाते हैं तो इसमें न तो उन्हें बिल बाउचर की जानकारी है कि कौन सा पैसा कब निकला और साथ ही जिन फर्जी मस्टररोल में राशि निकासी कर ली गई उनकी वर्तमान में नए सिरे से काम करवाने के दौरान इनकी वैधानिकता भी निर्धारित नहीं की जा सकती। इस प्रकार स्पष्ट है की कागजी तौर पर पूरे फर्जीवाड़ा को नए सरपंच अपने कार्यकाल में कैसे वैलिडेट कर सकते हैं इसका न तो मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम में ही कोई उल्लेख है और न ही लीगल तौर पर यह उचित ही है। गौरतलब है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा संजय सौरव सोनवणे अवैधानिक तरीके से गबन की गई राशि के स्थान पर पुराने कार्यों को नए पंचायती कार्यकाल में करवाने का प्रयास कर रहे हैं जिसको लेकर जिले के कई ग्राम पंचायतों के चुने हुए वर्तमान सरपंचों ने आपत्ति जाहिर की है।

देखिए इस वायरल वीडियो में किस प्रकार गंगेव जनपद की चौरी ग्राम पंचायत में जांच के लिए आए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा संजय सौरव सोनवणे के द्वारा शिकायतकर्ताओं और सरपंच को धमकाया जा रहा है और पुराने कार्य किए जाने के दबाव बनाए जा रहे हैं साथ ही FIR किए जाने की धमकी दी जा रही है। (शिवानंद द्विवेदी, आरटीआई एक्टिविस्ट)

वीडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें :-

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