नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन का फेज वन कार्य प्रगति पर लेकिन पीबीटी टैंक अधूरा

ऊंचाई क्षेत्रों में स्थित ग्रामों में परंपरागत सिंचाई पद्धति से नहर खोदकर कर खेतों की सिंचाई सफल न होते हुए देखकर सरकार ने नए जमाने की उन्नत तकनीकों का प्रयोग करना लाजिमी समझा। जिसका नतीजा यह हुआ की रीवा जिले में फेज वन के तहत 855 करोड़ की लागत से नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन परियोजना लाई गई। इस परियोजना का कार्य वर्ष 2017-18 में पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन जैसा की हमेशा ही होता आया है कि शासन की कोई योजना कभी भी निर्धारित समय में पूर्ण नहीं हो पाती। यहां पर नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन के साथ भी बिलकुल ऐसा ही हुआ। जो कार्य वर्ष 2018 में पूर्ण किया जाना था उसमे कंपनी का लिक्विडेशन बताया जाकर नए सिरे से टेंडर हुआ और नया लक्ष्य 2021-22 के लिया निर्धारित हुआ। लेकिन हाला यह हैं की जेपी कंपनी द्वारा पीबीटी टैंक बनाए जाने तक का कार्य 2023 तक भी पूर्ण नहीं किया जा सका है।

रघुराजगढ़ में बनाया जा रहा पीबीटी टैंक
गौरतलब है की नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन फेज वन से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण कार्य पीबीटी टैंक के निर्माण से संबंधित है जिसका काम रघुराजगढ़ ग्राम के पास किया जा रहा हैं। रघुराज गढ़ से गुजरने वाली बहुती मेजर कैनाल से जोड़कर इस बड़ी क्षमता के पीबीटी टैंक का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस कार्य को वर्तमान में नई दिल्ली स्थित जयप्रकाश अर्थात जेपी कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। मामले को लेकर और माइक्रो इरिगेशन फेज वन से जुड़ी इस महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना के बारे में हम आपको इस विशेष कार्यक्रम में एक एक करके बताएंगे।

आइए आज इस एपिसोड में हम रिटायर्ड चीफ इंजीनियर शेर बहादुर सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी से जानते हैं इस पीबीटी अर्थात प्रेशर ब्रेक टैंक के विषय में और नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन फेज वन की बदहाली के बारे में –

Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram
Email

Leave a Comment

ट्रेंडिंग खबर

ट्रेंडिंग खबर

today rashifal

हमसे जुड़ने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है... पोर्टल पर आपके द्वारा डाली गयी खबर/वीडियो की सभी जानकारी घटनास्थल और घटना का समय सही और तथ्यपूर्ण है तथा घटना की खबर आपके क्षेत्र की है।अगर खबर में कोई जानकारी/बात झूठी या प्रोपेगेंडा के तहत पाई जाती है तो इसके लिए आप ही ज़िम्मेदार रहेंगे।