खरगोन बस हादसा : अब तक 24 यात्रियों की मौत, आरटीओ अफसर सस्पेंड

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में हुए बस हादसे में जानकारी के मुताबिक अब तक 24 यात्रियों की मौत हो चुकी है। बस हादसे मामले में जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने नाराजगी जताते हुए खरगोन आरटीओ बरखा गोंड को सस्पेंड कर दिया है। दूसरी तरफ इंदौर पहुंचे कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर निशाना साधा है। साथ ही इस मामले में कलेक्टर-एसपी को मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं। घायलों का हाल पूँछने प्रभारी मंत्री कमल पटेल जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने हादसे में घायल हुए यात्रियों का हालचाल जाना साथ ही उन्हें सरकार की ओर से हर संभव मदद मुहैय्या कराने का आश्वासन भी दिया।

हादसा या फिर लापरवाही
खरगोन जिले के डोंगरगांव – दसंगा के बीच यात्री बस पुल तोड़ते हुए नीचे जा से गिरी। मिली जानकारी के अनुसार इस हादसे में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है और 18 घायलों को इलाज के लिए इंदौर रेफर कर दिया गया है जबकि 23 घायलों का इलाज खरगोन जिला अस्पताल में किया जा रहा है। पीड़ित और प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो हादसा इतना भयानक था की चारों तरफ हाहाकार मच गया था। मंत्री कमल पटेल ने कहा कि, इस हादसे में आरटीओ अफसर की लापरवाही सामने आई है। विभाग को ओवरलोडिंग बसों की चेकिंग करना चाहिए थी। 35 सवारी की जगह बस में 67 सवारी बस में सवार थी, जिसका नतीजा 22 लोगों को जान गवाकर भुगतना पड़ा। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है। घायलों को 50-50 हजार और हादसे में जान गवाने वालों के परिजन को 4 – 4 लाख रुपए मुआवजा राशि सरकार की ओर से दी जाएगी।

कांग्रेस ने परिवहन मंत्री पर साधा निशाना
इंदौर पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरुण यादव ने खरगोन बस हादसे पर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा बस ओवरलोड होने की वजह से हादसा हुआ है। उन्होंने प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर निशाना साधते हुए कहा रास्ते में आते वक्त परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का ट्वीट पढ़ा, जिसमें परिवहन मंत्री की असंवेदनशीलता दिखाई दी। वह कह रहे हैं कि इस तरह की घटनाएं आम हैं, होती रहती हैं। यह स्पष्ट करता है कि सरकार और सरकार में बैठे मंत्री प्रदेश की जनता के प्रति कितने असंवेदनशील हैं। प्रदेश में माफिया का राज चल रहा है। परिवहन विभाग का भी यही हाल है जहां परमिट लेना चुनौती से कम नहीं है।

एक नज़र
मध्यप्रदेश में पिछले कुछ महीनों में कई सड़क हादसे हुए हैं जिसमें बसों की संख्या या सचालकों की लापरवाही को इत्तेफाक नहीं समझा जा सकता है। फिर चाहे वो सोहगी पहाड़ में हुआ हादसा हो या मोहनिया सुरंग के पास या खरगौन हादसा। इतना ही नहीं कई बार बसों में क्षमता से अधिक सवारी को लेकर खबरें भी चल चुकी हैं लेकिन परिवहन विभाग को कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। ऐसे में बसों में लगे कई तरह के नियंत्रण करने वाले उपकरण क्षमता से अधिक का भार सह नहीं पाते और फेल हो जाते हैं, नतीजतन ऐसे भयानक हादसे हो जाते हैं। अगर समय रहते ऐसी जर्जर व्यवस्था पर अंकुश नहीं लगाया गया तो हो सकता अगला नंबर हमारा हो।

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