वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश को ठेंगा दिखाते प्रशाशक नीलेश पांडे पर वरिष्ठ अधिकारी भी नहीं कर पा रहे कोई कार्यवाही। मामला त्योंथर तहसील अंतर्गत संचालित समितयों में हुई नियम विरुद्ध नियुक्ति की शिकायत किसान नेता ललित मिश्र जिलाध्यछ किसान संघर्ष समिति के द्वारा लगभग 2 सालो से अनवरत प्रमुख सचिव, कलेक्टर, कमिश्नर, आयुक्त सहकारिता, एवम अन्य वरिष्ठ अधिकारियो को की गई थी।
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परन्तु अधिकतर शिकायतों की जांच प्रशाशक नीलेश पांडे को ही प्रदान की गई है। सूत्रों की माने तो श्री पांडे द्वारा शिकायत कर्ता पर ही उल्टा शिकायत वापस करने का दबाब बनाया गया था, परन्तु शिकायत कर्ता द्वारा शिकायत वापस नहीं ली गई बल्कि जांच अधिकारी बदलने एवम अन्य वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराने हेतु कलेक्टर रीवा को आवेदन दिया गया। जिसमें कलेक्टर कार्यालय से अम्बरीष देव बघेल जी को नीलेश पांडे की संलिप्तता की जांच का आदेश किया गया। तब आनन – फानन में नीलेश पांडे द्वारा ललित मिश्र को नोटिस देकर जिला सहकारी बैंक चाकघाट में जांच करने हेतु बुलाया गया। परन्तु ललित मिश्र जब तक जांच स्थल पर पहुचते तब वहाँ पर पता चला की प्रशाशक वहा आये ही नहीं थे। ललित मिश्र ने बताया कि जांच समितियो में हुई नियुक्ति से सम्बंधित है। समितियो से दस्तावेज मंगाकर जांच की जाय। परन्तु नीलेश पाण्डे जी को यह मंजूर नहीं था क्यूंकि उनके द्वारा कई प्रभार नियम विरुद्ध तरीके से दिए गए हैं। जिसमें प्रशाशक स्वयं भ्रस्टाचार में लिप्त है । साथ ही किसान नेता ने यह भी आरोप लगाया है कि जिस अधिकारी की जांच इसी प्रकरण में चल रही हो तो उससे जांच करना भ्रस्टाचार को बढ़ावा देना है। किसान नेता ने यह भी आरोप लगाया है कि सेवा सहकारी समिति अमिलिया के पूर्व प्रभारी प्रबंधक को किस आधार पर प्रशाशक द्वारा पूरा वेतन भुगतान किया गया साथ ही उन्हें किस आधार पर पूर्ण प्रभार दिया गया जबकि पूर्व प्रभारी 3200 क्विंटल धान घोटले में हाइकोर्ट से जमानत पर हैं। साथ ही लोकायुक्त के द्वारा भी सुक्रमनी मिश्र के घर से अवैध पिस्टल बरामद कर इन्हें पद से पृथक किया गया था। वही किसान नेता ने 2013 के बाद सेवा सहकारी समिति अमिलिया, रायपुर, सोनौरी, ढखरा, पड़री, सोहागी, सोहरवा, चाकघाट, परासिया , एवम अन्य समितियो में सहायक लेखपाल, विक्रेता, चौकीदार, की हुई नियुक्तियों में नियम विरुद्ध होने की शिकायत की है। किसान नेता ने नियुक्ति में बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि सेवा सहकारी समिति रायपुर में प्रबंधक भरत लाल भुर्तिया द्वारा अपने सगे भतीजे प्रकाश नारायण की नियुक्ति दो दो पदों पर की गई है। समिति सहायक एवम कम्प्यूटर आपरेटर पद पर एक साथ नियुक्ति कर अपने पद का दुरुपयोग कर शाशन को ठेंगा दिखाने का कार्य किया गया है। आज भी सम्पूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद भी कार्यवाही न होना बड़े अधिकारी की भी संलिप्तता उजागर करता है। वही किसान नेता ने यह भी आरोप लगाया है कि पूर्व मेंअमिलिया में हुई नियम विरुद्ध नियुक्ति में प्रभारी प्रबंधक भरत लाल के द्वारा कार्यवाही करते हुए 2 विक्रेता 1 सहायक को पद से पृथक किया गया था परन्तु उनके फिंगर आज दिनांक तक नहीं बदलवाए गए जबकि भरत लाल स्वयं उससे बड़ा अपराध सहायक लेखपाल एवम कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर अपने सगे भतीजे की नियुक्ति किये है। किसान नेता ने प्रशाशक पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशाशक पांडे जी द्वारा अनैतिक लाभ लेकर नियम विरुद्ध तरीके से प्रभार प्रदान करना एवम मेरी शिकायतों को खत्म कर भरस्टाचार को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही किसान नेता ने यह भी कहा है कि प्रशाशक नीलेश पांडे को जब तक यहाँ से हटाया नहीं जाता तब तक मेरी शिकायतों पर निष्पक्ष जांच कार्यवाही होना संभव नही है। किसान नेता द्वारा ये भी बताया गया कि अगर निष्पक्ष्ता से प्रशाशक को हटाकर जांच नही कराई जाती तो मजबूरन कलेक्टर कार्यालय रीवा के सामने आमरण अनसन आंदोलन के लिए मजबूर होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होगी। ( ब्रहमानन्द त्रिपाठी, बहरइचा )
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