ज़मीनी हक़ीक़त : जन्मदाता के हक़ वाले सरकारी आहार पर भी “भ्र्ष्टाचार का प्रहार”

त्योंथर। क्या लिखें क्या पढ़ें मामला गंभीर है। कभी – कभी कुछ ऐसे मुद्दे पर जानकारी पहुँचती है जो अंदर तक झंकझोर देती है। एक तरफ सरकार दावा करती है कि प्रत्येक पात्र व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है और विकास के दावे को जमींन पर दिखाने के लिए विकास यात्रा निकालती है तो दूसरी तरफ सरकारी दावों को नकारते ऐसी खबरें देखने को मिल जाती हैं, जो बेहद ही शर्मनाक कही जा सकती हैं। सरकार तो अपना दायित्व निभा रही है लेकिन गरीबों पर ग्रहण बन चुके कुछ सरकारी कर्मचारी हक मारने में तनिक भी संकोच नहीं करते।

प्रसव के दौरान या बाद के आहार पर प्रहार
मामला है त्योंथर तहसील क्षेत्र में संचालित सरकारी अस्पताल और कुछ डॉक्टरों का, जिनके द्वारा जन्मदाता को मिलने वाले सरकारी आहार पर बन्दर बांट किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक़ सिविल अस्पताल त्योंथर में ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) सुरेंद्र सिंह एवं खंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) के बी पटेल के नाक के नीचे सुमन योजना में बड़ी हेरा फेरी की जा रही है। जानकारी के मुताबिक़ प्रसूता महिलाओं को 72 घंटे अधिकारीक गाइडलाइन के अनुसार अस्पताल में भर्ती करने का प्रावधान है। साथ ही उन 72 घंटों में प्रसूता के लिए विशेष आहार और चिकित्सीय सुविधाएं, शासन कि योजनों के माध्यम से उपलब्ध कराने का भी प्रावधान है। लेकिन कुछ प्रसूता महिलाओं द्वारा बताया गया कि, सरकारी अस्पतालों में ऐसी व्यवस्थाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं। कुछ महिलाओं ने तो यह तक कहा कि, ब्लेड तक की व्यवस्था हमें खुद करनी पड़ती है और रही बात खाने – पीने कि तो वो सब घर से लेकर आना पड़ता है। यहाँ तक की बच्चे के जन्म के बाद जो पैसे शासन द्वारा मिलने चाहिए वो भी दलालों को रकम देने पर आधे-अधूरे ही मिलते हैं। जबकि अस्पताल द्वारा कागजों पर बड़ी होशियारी से खानापूर्ति करके बड़ी राशि का बंदर बांट कर दिया जाता है।

बंदरबांट का बड़ा हिस्सा अधिकारीयों तक
सूत्रों कि माने तो इस हेराफेरी में सिविल अस्पताल त्योंथर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चाकघाट, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गढी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर अस्पताल के कुछ कर्मचारियों का अहम् किरदार है। जिसका एक मोटा हिस्सा ब्लॉक में बैठे बड़े – बड़े चिकित्सीय अधिकारीयों एवं बीपीएम तक भी पहुंचाया जाता है। अब लोगों के दिए गए बयान और जानकारियों में कितनी सच्चाई है यह तो जाँच के बाद ही पता चलेगा लेकिन कुछ कर्मचारियों से जब बात कि गई तो उनकी मौजूदा हड़बड़ाहट ने बहुत कुछ उगल दिया। अब देखना ये है कि योजनों में धांधली करने वालों पर कोई कार्यवाई होगी या फिर इसे भी नज़र अंदाज कर मलाई खाई जाएगी। (BNT)

त्योंथर क्षेत्र के लोगों का जिला प्रशासन से ये अनुरोध है कि मामले की जल्द से जल्द जांच कर समुचित कार्यवाई कर सरकारी अस्पतालों में चल रहे इस खेल को बंद करवाए ताकि गरीबों का हक उनकी झोली तक पहुँच सके।

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