सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों पर लापरवाही पड़ सकती है भारी, निराकरण नहीं तो होंगे निलंबित

रीवा, मप्र। कलेक्टर मनोज पुष्प ने टीएल बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण में जिला अधिकारी रूचि नहीं ले रहे हैं। इस कारण प्रदेश में जिले की रैंकिंग गिरकर नीचे आ गयी है। कलेक्टर ने कहा कि जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत महिला बाल विकास विभाग की रैंकिंग लगातार 51वें स्थान पर है यह स्थित अत्यंत खेदजनक है यदि प्राथमिकता के आधार पर निराकरण नहीं किया गया तो बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों को निलंबित किया जायेगा। बैठक में नगर पालिक निगम के आयुक्त मृणाल मीणा, जिला पंचायत सीईओ स्वप्निल वानखेड़े, अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह एवं नीलमणि अग्निहोत्री, डिप्टी कलेक्टर संजीव पाण्डेय सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने कहा कि मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत हितग्राहियों को हितलाभ वितरित न करने के कारण स्वास्थ्य विभाग की रैंकिंग 50वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग ग्रामों में मांग के अनुरूप ट्रांसफार्मर लगवाकर सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण निराकृत करें। जिला शिक्षा अधिकारी एवं ऊर्जा विकास विभाग प्राथमिकता के आधार पर हेल्पलाइन प्रकरणों का निराकरण करें। उन्होंने कहा कि समाधान कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रकरणों का निराकरण करने में संबंधित द्वारा यदि 30 प्रतिशत से कम निराकरण किया गया है तो संबंधित अधिकारी को निलंबित किया जायेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की रैंकिंग 30वें स्थान पर है। उन्होंने टीएल बैठक में अनुपस्थित रहने के कारण जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री तथा 5 एसडीओ के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया।

कलेक्टर ने कहा कि रीवा जिले की तस्वीर बदल रही है अब विकास के नये आयाम स्थापित हो रहे हैं। जिले में प्रदेश के बाहर के निवेशकों द्वारा 3 लाख करोड़ रूपये का निवेश करने की सहमति दी गयी है। उन्होंने कहा कि मालवा के बाद निवेश के मामले में रीवा जिला दूसरे स्थान पर है जो बड़ी उपलब्धि है।

यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ पर क्लिक करें
फेसबुक से जुड़ने के लिए यहाँ पर क्लिक करें

आपके सुझाव और शिकायत का स्वागत है, खबर देने या विज्ञापन के लिए संपर्क करें – +91 9294525160

Leave a Comment

error: Content is protected !!

शहर चुनें

Follow Us Now

Follow Us Now