रीवा में गोवंशों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा पत्र

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने रीवा गंगेव के गदही ग्राम में विशाल गो अभ्यारण बनाए जाने के लिए लिखा पत्र

रीवा, मप्र। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रीवा जिले के गदही ग्राम में 1000 एकड़ से अधिक शासकीय भूभाग में गोवंशों की सुरक्षा पोषण पुनर्वास एवं संवर्धन के लिए विशाल को अभयारण्य बनाए जाने हेतु पत्र लिखा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा गोवंशों की सुरक्षा पोषण पुनर्वास एवं संवर्धन के लिए गो अभ्यारण अत्यंत आवश्यक

गंगेव जनपद की हिनौती पंचायत और उससे जुड़े हुए दर्जनों पंचायतों के आसपास हजारों की संख्या में बेसहारा गोवंश मारे मारे फिर रहे हैं जो समय समय पर किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं और और पशु क्रूरता का सामना भी करना पड़ रहा है इसलिए गोवंशों की सुरक्षा और साथ में किसानों की फसल नुकसानी को बचाने के लिए गदही में गौ अभ्यारण्य बनाया जाना अत्यंत आवश्यक है।

गौरतलब है की मध्य प्रदेश के रीवा जिला अंतर्गत गंगेव जनपद के हिनौती ग्राम पंचायत के गदही राजस्व ग्राम में लगभग 500 हेक्टेयर से अधिक काश्तकारी योग्य एवं चरनोई शासकीय भूभाग उपलब्ध है जिसको लेकर एक लंबे अरसे से विशाल गो अभ्यारण बनाए जाने की कवायद चल रही है। गदही में गो अभ्यारण बनाए जाने के प्रस्ताव को लेकर समय-समय पर सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी द्वारा भी आवाज उठाई जाती रही हैं। इस बीच मामले को लेकर गोवंशों के पोषण पुनर्वास एवं सुरक्षा हेतु हाईकोर्ट जबलपुर में जनहित याचिका भी दायर की गई है। अभी हाल ही में त्यौंथर विधानसभा क्षेत्र 70 के वर्तमान विधायक श्यामलाल द्विवेदी द्वारा भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर त्योंथर तहसील से सटे हुए गांगेव जनपद की हिनौती ग्राम पंचायत में गदही राजस्व ग्राम की हजारों एकड़ शासकीय भूभाग में विशाल गो अभ्यारण बनाए जाने हेतु पत्र लिखा गया था जिसके बाद प्रस्ताव जिला कलेक्टर रीवा मनोज पुष्प एवं जिला पंचायत सीईओ रीवा स्वप्निल वानखेडे के माध्यम से मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को भेजा जा चुका है।

आखिर डॉ रमन सिंह को क्यों लिखना पड़ा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम पत्र?
प्राप्त जानकारी के अनुसार हिनौती सेदहा बड़ोखर कैथा सहित दर्जनों ग्राम क्षेत्र के किसानों और आम नागरिकों द्वारा संपर्क साधते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह से चर्चा की गई। इस बीच हिनौती और सेदहा ग्राम पंचायत के स्थानीय निवासी तख्तराज सिंह, उमा प्रताप सिंह, राजमणि सिंह, सेदहा सरपंच पूनम सिंह, हिनौती ग्राम पंचायत सरपंच भारत साकेत, बड़ोखर निवासी चंद्रशेखर सिंह सहित बड़ियोर से सरोज मिश्रा आदि ग्रामीणजनों द्वारा संपर्क किया जाकर पूर्व मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ डॉ रमन सिंह के समक्ष प्रस्ताव रखा गया जिसके बाद डॉ रमन सिंह ने दिनांक 13 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन श्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर गदही की 1000 एकड़ से अधिक शासकीय भूभाग में विशाल गो अभ्यारण बनाए जाने के लिए लेख किया है। डॉ रमन सिंह ने आगे कहा है कि वह गोवंशों के पोषण पुनर्वास सुरक्षा एवं संवर्धन हेतु शासकीय भूभाग में विशाल गो अभ्यारण बनाए जाने से व्यवस्थाओं में सुधार होगा जिससे बेसहारा छोड़े जाने वाली गोवंश के साथ होने वाली पशु क्रूरता रुकेगी साथ में किसानों की फसल की भी सुरक्षा होगी।

पथमेड़ा गोधाम महातीर्थ के महाराज जी ने भी गदही में गो अभ्यारण बनाए जाने हेतु लिया संज्ञान
गौरतलब है इसके पहले सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी एवं विंध्य किसान परिषद के रोहित तिवारी ने मामले को आगर मालवा में सलारिया गो अभयारण्य के वर्तमान संचालनकर्ता पथमेड़ा गोधाम महातीर्थ के महाराज जी से संपर्क कर गदही ग्राम में 1000 एकड़ से अधिक शासकीय भूभाग में विशाल गो अभ्यारण बनाए जाने हेतु प्रस्ताव रखा था जिसके बाद पथमेड़ा महाराज ने मामले पर संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य अधिकारियों को कार्यवाही के लिए लेख भी किया है।

गदही में विशाल गो अभयारण्य बनाए जाने की माग में प्रबलता के पीछे यह हैं मुख्य कारण
रीवा जिले में गो अभ्यारण बनाए जाने की माग में आई प्रबलता के पीछे एक बड़ा कारण विंध्य क्षेत्र में निरंतर गोवंशों के साथ हो रही पशु क्रूरता और इनका तिरस्कार है। इसके साथ ही समाज से बहिष्कृत हो चुके बेजुबान गोवंशों द्वारा किसानों की फसलों को भी नुकसान किया जाता है जिसकी वजह से किसान इन गोवंशों के साथ और भी अधिक पशु क्रूरता करते हैं। रीवा जिले में समय-समय पर विभिन्न घाटियों, जलप्रपातों, नहरों में पशुओं को धकेले जाने, कैद किए जाने तक ले कर मुंह पैर तार से बांध दिए जाने जैसे पशु क्रूरता के भीषण मामले पर आते रहे हैं। हालांकि इसको लेकर गोवंशों के अधिकारों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने समय-समय पर आवाज उठाई है और कार्यवाही भी करवाई है। लेकिन आज सबसे बड़ी बात यह है कि जब तक गोवंशों की सुरक्षा पोषण पुनर्वास और संवर्धन के लिए कोई रोजगार परक व्यवस्था नहीं बनती तब तक गोवंशों का भला नहीं हो सकता। आज कमर्शियल और स्वार्थी समाज में खेती किसानी और गोबर कंडे के लिए गोवंशों की उपयोगिता खत्म होने और मशीनी युग के चलते गोवंशों की दिक्कत बन गई है। और इसके लिए गो अभ्यारण जैसी व्यवस्था जिसमें गोवंशों के विचरण के लिए पर्याप्त जगह हो और जगह-जगह उनके लिए चारागाह उपलब्ध हो समय की महती मांग है। इसके लिए अब हर जगह से प्रयास किए जा रहे हैं और इसी दिशा में डॉ रमन सिंह द्वारा भी पत्र लिखा गया है।

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