सफलता की कहानी : दुग्ध उत्पादन व्यवसाय अपनाकर दिनेश बने लखपती

रीवा, मप्र। विकासखण्ड सिरमौर के ग्राम पल्हान के दिनेश सिंह कभी पूरी तरह से खेती किसानी में ही निर्भर थे। वे धान, गेंहू, चना एवं अरहर की फसल लिया करते थे। खेती में प्रचुर मात्रा में उर्वरक का उपयोग करते थे इससे फसल का भरपूर उत्पादन होता था। खाद्यान्न का कुछ भाग अपने उपयोग में रखने के पश्चात समिति में समर्थन मूल्य पर धान एवं गेंहू को बेंच आते थे। इससे इतनी आय हो जाती थी कि वे अपने परिवार का पालन पोषण सरलता से कर लेते थे।

दिनेश ने बताया कि खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये उन्होंने आचार्य विद्यासागर गौवंर्धन योजना के अन्तर्गत डेयरी इकाई की स्थापना के लिये बैंक से 6 लाख रूपये का ऋण लिया। इस ऋण राशि में 1.50 लाख रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ। दिनेश ने बताया कि प्राप्त ऋण राशि से 22 मुर्रा भैंसे एवं 5 गाय खरीदकर डेयरी उद्योग प्रारंभ किया। गांव में ही दूध बिक जाता था। डेयरी में 140 लीटर दूध होता था दूध के विक्रय से प्रतिदिन 7 हजार रूपये की आय होने लगी। समय-समय पर पशु चिकित्सा अधिकारियों से मिलकर मैं अपने पशुओं का टीकाकरण एवं उपचार करा लेता था जिससे मेरे पशु पूर्ण स्वास्थ्य रहते थे। दूध की विक्री करने से मैं लखपती बन गया। अब मेरा परिवार काफी प्रसन्न है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी को लाख लाख धन्यवाद कि उन्होंने आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना प्रारंभ की इसकी सहायता से मेरे जीवन में सार्थक बदलाव आया।

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