त्योंथर रीवा, मप्र। सरकार द्वारा बच्चों को उनके नजदीक मुफ्त शिक्षा मिल सके इसके लिए शासकीय विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। ख़ास कर सरकार की इस व्यवस्था का लाभ सबसे ज्यादा गरीबी में जीवन यापन करने वालों को मिलता है। लेकिन ये कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि यहाँ भी बच्चों को कोई ख़ास शिक्षा नहीं मिल पा रही है। हालाँकि उल्टा कई बार स्कूल प्रशासन कि ऐसी लापरवाही देखने को मिल जाती है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
ताज़ा मामला शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय मटियारी का है, जहाँ शिक्षकों द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही की गई है कि बच्चा किसी भी हादसे का शिकार हो सकता था। बच्चे के अभिभावक द्वारा शिकायत की गई कि उनके बच्चे को एक शिक्षक द्वारा विद्यालय समय पर विद्यालय से बाहर मार्केट ले जाया गया और वहां काम होने के बाद उसे अकेला छोड़ दिया गया। मासूम सा बच्चा मार्केट से अकेले ही पैदल घर के लिए चल दिया। आपको बता दूँ सोनौरी मार्ग में दिन भर भारी वाहनों का आवागवन लगा रहता है। ऊपर से इस समय धान उपार्जन को लेकर परिवहन काफी तेजी से चल रहा है। जिसमें बड़े – बड़े ट्रक इस मार्ग पर चलते देखे जा सकते हैं। अब ऐसे में बच्चे के साथ किसी भी तरह की अनहोनी हो सकती थी।
एक नज़र
इस मामले को लेकर जब स्कूल प्राचार्य से जानकारी मांगी गई तो पता चला वो कल संकुल में थी और विद्यालय का प्रभार दूसरे शिक्षक के पास था। बच्चे को बुला कर प्राचार्य के सामने ही पूरी घटना की जानाकरी ली गई, जिसमें बड़ी लापरवाही निकल कर सामने आई है। हालाँकि जिस शिक्षक ने बच्चे को मार्केट में अकेला छोड़ा, वो खुद गायब मिले।
ऐसे में सवाल उठता है कि सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों कि सुरक्षा किसके हवाले ?
क्या इस लापरवाही को शिक्षा विभाग एक चुनौती की तरह देखेगा ? या फिर भविष्य में ऐसी ही किसी गलती की राह तकेगा ..
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