पटेहरा के आशीष मिश्रा ने भिण्डी, लौकी, कद्दू, शिमला मिर्च से ही खड़ा कर दिया बड़ा व्यवसाय

रीवा, मप्र। मेहनत का जज्बा लेकर लोगों को जोड़कर किसान अपनी किस्मत बदल सकता है। सिरमौर के ग्राम पटेहरा के आशीष मिश्रा ने व्यवसाय में अपना भविष्य संवारने के लिये सीए की डिग्री ली। वे चाहते तो महानगरों में अच्छे वेतन पर फाइनेन्स एडवाइजर बन सकते थे। लेकिन उनके मन को जमीन से जुड़ी खेती किसानी करना ही भाया। उन्होंने उच्च शिक्षित बालेन्द्र शेखर गौतम, राजकुमार के साथ मिलकर 20-25 ग्रामों के 2300 किसानों को जोड़कर सब्जी का उत्पादन प्रारंभ किया।

सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन लेकर आशीष एवं किसान बने लखपति

जैविक खेती के साथ भिण्डी, लौकी, कद्दू, शिमला मिर्च का उत्पादन ग्रीष्मकाल में किया। पारंपरिक रूप से बिना रासायनिक खाद के उपयोग से सब्जी आसपास के गांवों में ही हाथों-हाथ बिक गई। इससे उन्हें 5 लाख रूपये की आय हुई। प्राप्त हुई आय किसानों ने आपस में बांट ली। सब्जी उत्पादन से हुये लाभ से उत्साहित आशीष ने कंपनी बना ली। उनके समूह में 2 हजार किसान एवं 500 हेक्टेयर खेती की जमीन है। किसानों ने 11 सदस्यों के समूह को उद्यामिकी विभाग से मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिलाया।

चार्टर्ड एकाउंटेंट आशीष ने शुरू की खेती

इन किसानों ने मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर मशरूम का उत्पादन लेना प्रारंभ कर दिया है। मशरूम का विपणन महाकाल एग्रो प्रोड¬ूसर कंपनी ग्वालियर के माध्यम से प्रारंभ किया। आज सब्जी एवं मशरूम से किसानों का जीवन सवंर गया। प्रत्येक किसान को प्रति माह औसतन 30 हजार रूपये की आय प्राप्त हो रही है।

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