आख़िर कैसे गुलाब और टमाटर की खेती से अमलेश पटेल की जिंदगी बदल गई

जिले के रीवा जनपद अन्तर्गत रीठी गांव के रहने वाले अमलेश पटेल ने अपनी परंपरागत खेती को छोड़कर उद्यानिकी फसलें लेना प्रारंभ किया जिससे उनके पाली हाउस में उत्पादित गुलाब व टमाटर की खेती से आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। वह कहते हैं कि संरक्षित खेती काफी लाभ प्रद हैं।

उद्यानिकी फसलें बनीं आर्थिक विकास का माध्यम

अमलेश पटेल बताते हैं कि मैने वर्ष 2021-22 में 8.50 लाख रूपये का अनुदान प्राप्त करते हुए पाली हाउस का निर्माण कराया और उसमें टमाटर व गुलाब की खेती प्रारंभ की। उन्होंने बताया कि एक वर्ष में मैंने टमाटर की खेती से 40 हजार रूपये कमायें वहीं गुलाब की खेती करके मुझे साढ़े तीन लाख रूपये का मुनाफा हुआ। अमलेश पटेल द्वारा उत्पादित गुलाब की उत्तरप्रदेश व दिल्ली आदि जगहों में काफी मांग है और वह नियमित तौर पर वहां गुलाब भेज रहे हैं। टमाटर की खपत रीवा में ही व आसपास हो जाती है। श्री पटेल कहते हैं कि किसानों को परंपरागत खेती के साथ उद्यानिकी व संरक्षित खेती की ओर भी आना होगा तभी खेती वास्तविक रूप से मुनाफे का व्यवसाय बन सकती है।

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