बैतूल, मप्र। 84 घण्टे से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का देर रात दर्दनाक अंत
साढ़े चार दिन से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का देर रात दर्दनाक अंत हो गया। बैतूल मध्य प्रदेश के मांडवी गांव में 6 दिसंबर की शाम को खेलते वक़्त मासूम तन्मय 400 फिट गहरे बोरवेल में गिर गया था। जिसके रेस्क्यू के लिए मुस्तैद NDRF DSRF के जवान देर रात तक़रीबन ढाई बजे कड़ी मशक्कत के बाद तन्मय तक पहुँचने में सफल हो गए। लेकिन बैतूल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार मासूम तन्मय पहले ही दम तोड़ चूका था। तक़रीबन 80 घंटे से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का आज दर्दनाक अंत हो गया। लेकिन मासूम तन्मय अपने पीछे कई सवाल भी छोड़ गया। आख़िर कब तक ऐसे बोरवेल या नलकूप मासूमों को निगलते रहेंगे ?
कैसे हुआ तन्मय के साथ हादसा
जानकारी के मुताबिक तन्मय की 11 साल की बहन निधि साहू ने बताया, हम सब छुपन-छिपाई खेल रहे थे। खेल ख़त्म कर भाई को कहा कि चलो अब घर चलते हैं। वो उछलते कूदते आगे बढ़ा और बोर के ऊपर बोरी पर पैर पड़ा तो वो खिसकी , उसने बोरी को पकड़ कर रखा था, मैं जब तक पहुंची तो भाई नीचे चला गया। परिजनों का कहना है कि तन्मय तक़रीबन 5 बजे बोरवेल में गिरा था। पुकारने पर तन्मय ने अंदर से आवाज भी दी और उसकी सांसे तेज चल रही थी। वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
जिंदगी की जंग हार गया तन्मय
मध्यप्रदेश के बैतूल में बोरवेल में फंसे 6 साल के बच्चे की मौत हो गई। 84 घंटे बाद बच्चे का शव बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम सुबह 3 बजे बच्चे के करीब पहुंच गई थी। सुबह 5 बजे तक शव को बाहर निकाला जा सका। 7 बजे बैतूल के जिला अस्पताल में शव को लाया गया। 5 डॉक्टरों की टीम शव का पीएम कर रही है।
तन्मय के चाचा राजेश साहू ने कहा, हमारे लिए बहुत दुःख की घड़ी है। हमने तो यह सोच रखा था कि सफल होंगे और हमारा बच्चा हमें वापस मिल जाएगा। सभी ने दिन-रात प्रयास किया, पर कहीं न कहीं लेट हो गए। अगर हमारे पास ऐसा कोई संसाधन होता, जिससे हम तन्मय को उसी दिन निकाल लेते, तो शायद वो बच जाता। सब ने बहुत अच्छा किया लेकिन हमें देर हो गई।