मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुसार दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए पशुपालन विभाग द्वारा दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दूसरे चरण में जिला स्तर पर प्रशिक्षण 29 नवम्बर से आरंभ हो गया है। उप संचालक पशुपालन सभागार में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक दो बैच में प्रशिक्षण दिया गया। इस संबंध में उप संचालक डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण में पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सा क्षेत्र विकास अधिकारी, गौसेवक एवं मैत्री कार्यकर्ता शामिल हैं। जिला स्तर पर प्रशिक्षण 3 दिसंबर तक दिया जा रहा है। इसमें राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर डॉ. मनु दीक्षित, डॉ. नरेन्द्र सिंह तोमर, डॉ. अभ्युदय प्रताप सिंह तथा डॉ. अनुज प्रताप सिंह द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला स्तरीय प्रशिक्षण के बाद सभी विकासखण्डों में 4 एवं 5 दिसंबर को प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान दूधारू पशुओं के नश्ल सुधार, दुग्ध सहकारी समितियों के गठन, मिल्क रूट का निर्माण, पशुपालन विभाग की योजनाओं को लागू करने तथा दूधारू पशुओं की देखभाल की विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान के दूसरे चरण में जिले के 23678 दूधारू पशुपालकों के घर जाकर विभागीय अमला पशुओं की स्वस्थ्य रक्षा, नश्ल सुधार तथा पोषण के संबंध में जानकारी देगा। प्रशिक्षण के दौरान विभागीय अमले को कृत्रिम गर्भाधान, सेक्स सार्टेड सीमन के उपयोग अवांछित साडों के बधियाकरण तथा पशुओं के टीकाकरण की विस्तार से जानकारी दी जा रही है। रीवा जिले में पशुपालन करने वाले परिवारों के 1343 गांव में जाकर पशुपालन विभाग का अमला दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान का संदेश देगा। अभियान की जिला और विकासखण्ड स्तर से निगरानी की जायेगी।




