कलेक्ट्रेट के बाणसागर सभागार में अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में विधायक मनगवां श्री नरेन्द्र प्रजापति ने कहा कि जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पीड़ित परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी प्रत्येक ग्राम पंचायत तथा पुलिस थानों में प्रदर्शित कराएं। पीड़ित के विरूद्ध प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस अधिकारियों के माध्यम से पीड़ितों को राहत योजना तथा अन्य सुविधाओं की जानकारी दें। योजनाओं के पैम्लेट बनाकर ग्राम पंचायतों के माध्यम से इनका प्रचार-प्रसार कराएं। अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण से जुड़ी योजनाओं में आवश्यक बजट की तत्काल मांग करें, जिससे पात्र पीड़ितों को समय पर राहत राशि प्रदान की जा सके।
बैठक में विधायक प्रतिनिधि सिरमौर श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास से जुड़ी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, जिससे गरीब परिवार इन योजनाओं का लाभ उठा सके। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती सपना त्रिपाठी ने कहा कि अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों की नियमित मॉनीटरिंग की जाती है। पीड़ितों को तत्परता से राहत राशि उनके बैंक खाते में दी जा रही है। बैठक में जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग कमलेश्वर सिंह ने बताया कि वर्तमान तिमाही में अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 55 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इनमें से 22 प्रकरणों में राहत राशि देने की कार्यवाही की जा रही है। न्यायालय में वर्तमान में 1438 प्रकरण लंबित हैं। इस तिमाही में 5 प्रकरणों में दोषियों को सजा दिलाई गई तथा 13 प्रकरणों में आरोपी न्यायालय से बरी किए गए हैं। इस तिमाही में 61 नए प्रकरण न्यायालय में दर्ज हुए हैं। शासन स्तर से विचाराधीन प्रकरणों में पीड़ितों तथा गवाहों को दैनिक पारिश्रमिक एवं भोजन की राशि देने के लिए अब सीधे पुलिस विभाग को ही आवंटन दिया जाएगा। बैठक में मऊगंज जिले में विशेष न्यायालय की स्थापना तथा रीवा में एक अन्य न्यायालय को अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों की सुनवाई के लिए अधिकृत करने का सुझाव दिया गया। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अजाक अनिल सोनकर, एसडीओपी उदित मिश्रा तथा समिति के सदस्यगण उपस्थित रहे।




