रीवा के सिरमौर तहसील अंतर्गत सेदहा पटवारी हल्का के दो पटवारियों का रिश्वत लेते वीडियो वायरल हो रहा है। दरअसल मामला लालगांव राजस्व निरीक्षक मंडल के पटवारी हल्का क्षेत्र सेदहा का है जहां तत्कालीन पटवारी सेदहा मुकेश सिंह और वर्तमान पटवारी ओमप्रकाश नीरत का एक वीडियो सोशल मीडिया में जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है जहां वह आवेदक अरुण प्रताप सिंह निवासी हिनौती सेदहा से फीडिंग के नाम पर 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए बातें कर रहे हैं।
आवेदक अरुण प्रताप सिंह घर के अंदर से नोट गिनते हुए आ रहे हैं। इस बीच नोट गिनने की आवाज भी स्पष्ट सुनाई देती है। नोट पटवारी मुकेश सिंह के हांथ में देते हुए अरुण सिंह कहते हैं ये अभी इतना है जो कुछ भी होगा बाद में बता दीजिएगा। बाद में और भी हो जायेगा अभी आज मेरे पास इतना ही है। इस बीच पटवारी ओमप्रकाश नीरत के बगल में बैठे पटवारी मुकेश सिंह पैसे गिनते हुए कहते हैं की कबेलू वाले बहुत तौआ रहे थे। इस बीच अरुण सिंह कहते हैं की अभी यह मेरी तरफ से है फिर बाद में देख लिया जाएगा। मतलब कबेलू वाले और अन्य जिनके काम हैं वह भी कुछ चढ़ोत्तरी जरूर चढ़ाएंगे। तब पटवारी मुकेश सिंह कहते हैं की ठीक है देख लेते हैं। इस बीच जब दोनो पटवारी बाहर निकलते हैं तो एक पटवारी मुकेश सिंह कहते हैं की आप ज्यादा परेशान थे इसलिए हम इन्वॉल्व हुए नही तो हम कभी नही करते। इस बीच अरुण सिंह भी कुछ बातें करते हैं। आवेदक अरुण सिंह पटवारी से पूछते हैं कि पटवारी साहब कब तक हमारी फीडिंग हो जायेगी। तब ओमप्रकाश नीरत के साथ बाहर निकलते हुए पटवारी मुकेश सिंह कहते हैं की हमे ही फीडिंग करना है। तब आवेदक अरुण सिंह कहते हैं की वह तो हमे पता है आपके अलावा और कौन करेगा। बाद में हिनौती मेन रोड में चलते हुए वाहनों की तेज आवाज आती है इस प्रकार दोनो पटवारी मुकेश सिंह और ओमप्रकाश नीरत बाइक में सवार होकर निकल लेते हैं।
अब बड़ा सवाल यह है की जिस प्रकार धड़ल्ले से घूसखोरी चरम पर है और खसरा नक्शा सुधार से लेकर हर छोटे बड़े काम जिसमे ऑनलाइन खसरा नक्सा फीडिंग सबके लिए कमीशन ली जा रही है पूरे प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। आए दिन पटवारी तहसीलदार लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू की गिरफ्त में फंस रहे हैं लेकिन इसके बाबजूद भी सड़न लिया हुआ यह प्रशासनिक सिस्टम सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। इसके लिए आखिर जिम्मेदार कौन है? एक तरफ भाजपा सुशासन की बातें करती है दूसरी तरफ इनके मंत्री ऐसे ही पटवारियों को चरित्र प्रमाण पत्र बांटते फिरते हैं। यदि वरिष्ठ अधिकारी इस पूरे भ्रष्टाचार पर नकेल नही कसते और कड़ी कार्यवाही नही करते तो यह भ्रष्टाचार का जिन्न इसी प्रकार पूरे सिस्टम को निगल जायेगा।
फिलहाल इन दो पटवारियों मुकेश सिंह और ओम प्रकाश नीरत की कारगुजारियों ने पूरे राजस्व महकमे को एक बार फिर शर्मशार कर दिया है।