रीवा, मप्र। मध्य प्रदेश के आगर मालवा क्षेत्र में बना है एशिया का सबसे बड़े गो-अभ्यारण
मध्यप्रदेश में गोवंशों की सुरक्षा पोषण और पुनर्वास के लिए रीवा जिले के गंगेव ब्लाक अंतर्गत हिनौती ग्राम पंचायत के गदही ग्राम में लगभग 500 हेक्टेयर से अधिक शासकीय और 2000 एकड़ से अधिक जंगली भूभाग में गो-अभ्यारण बनाए जाने के लिए मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन शिवराज सिंह चौहान की तरफ से मांगा गया प्रस्ताव।
मध्य प्रदेश के आगर मालवा क्षेत्र में 750 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर बने एशिया के सबसे बड़े गो-अभ्यारण के बाद रीवा जिले के हिनौती ग्राम पंचायत के गदही ग्राम में 500 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर दूसरा सबसे बड़ा गौ-अभ्यारण बनाया जाएगा। मामले की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय से मांगी गई है। जानकारी के अनुसार जिसमें दिनांक 17 नवंबर 2022 को रीवा कलेक्टर द्वारा प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भोपाल को लेख करते हुए जानकारी भेजी गई है।
दशकों पूर्व गदही में 500 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर गो-अभ्यारण के लिए उठाई गई थी माँग
मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता एवं गोवंश राइट्स एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी के द्वारा पूर्व में मांग उठाई गई थी। जब 2012-13 के आसपास क्षेत्र में अवैध बाड़े बनाए जाकर गोवंशों के साथ प्रताड़ना की जा रही थी और उन्हें भूखे प्यासे ठंड ठिठुरन बरसात में मरने के लिए छोड़ा जा रहा था, उस समय युद्ध स्तर पर लड़ाई लेते हुए शिवानंद द्विवेदी ने जहां अवैध बाडों को तोड़ने और गोवंशों को आजाद करवाने का कार्य किया गया वहीं हिनौती के गदही क्षेत्र में 500 हेक्टेयर से अधिक पड़े काश्तकारी योग्य भूभाग पर विशाल गौ-अभ्यारण बनाए जाने हेतु प्रस्ताव तत्कालीन केंद्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी को दिनांक 18 जनवरी 2017 एवं दिनांक 8 फरवरी 2017 को चीफ मिनिस्टर मध्य प्रदेश, तत्कालीन केंद्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी, चीफ सेक्रेट्री मध्य प्रदेश शासन, डायरेक्टर वेटरनरी विभाग मध्यप्रदेश शासन, पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश शासन, भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड सहित समस्त प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार भेजा जा चुका है।
मामले को लेकर 2017 में जबलपुर हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका
गोवंशों की सुरक्षा पोषण और पुनर्वास और संवर्धन को लेकर क्षेत्र की रिक्त भूमियों में विशाल गो-अभ्यारण बनाए जाने हेतु गोवंश राईट एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी द्वारा अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा के माध्यम से जबलपुर उच्च न्यायालय में रिट पिटिशन डब्लूपी क्रमांक 28788/2018 भी दायर की गई थी, जिसमें चीफ सेक्रेटरी मध्यप्रदेश शासन, एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, पशुसंवर्धन बोर्ड, वेटरनरी डिपार्टमेंट मप्र शासन, डीजीपी मध्यप्रदेश शासन, कलेक्टर एवं एसपी रीवा सहित सब को पार्टी बनाया जाकर नोटिस जारी की गई थी।
हालांकि मामले पर अंतिम सुनवाई अभी तक नहीं हुई है, लेकिन शासन के द्वारा जवाब प्रस्तुत किया जा चुका है।
मामले में मीडिया का रोल अहम, हमेशा उठाया जाता रहा मामला
जहाँ मामले को संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री आदि को भेजा गया वहीं समय-समय पर प्रादेशिक और राष्ट्रीय मीडिया में गोवंशों के साथ हो रही निरंतर क्रूरता को बड़े पैमाने पर उठाया जाता रहा है। जब भी अवैध बाडों में मवेशियों को कैद किया गया, बेसहारा गोवंशों के मुंह पैर बांध दिए गए एवं घाटियों जलप्रपातों एवं पहाड़ियों से हजारों फीट गहरे झुंड में धकेल दिए गए तब तब रीवा जिले में गोवंशों की सुरक्षा पोषण और पुनर्वास हेतु विशाल गो-अभ्यारण बनाए जाने का मामला भी उठाया गया है। लेकिन सवाल ये था कि गोवंशों के नाम पर मात्र राजनीति चलती रही लेकिन एक बार पुनः मामले पर संज्ञान लिया गया और मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन की तरफ से प्रस्ताव मंगवाया गया है जो एक बार पुनः क्षेत्र के बेसहारा गोवंशों और पीड़ित किसानों के लिए राहत की बात कही जा सकती है।
– शिवानंद द्विवेदी ( सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता जिला रीवा मध्य प्रदेश )