त्योंथर, रीवा। अमिलिया सहायक सचिव पर पैसे लेकर आवास आवंटन का आरोप
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा खुले तौर पर प्रदेश में कार्य कर रहे कर्मचारियों को यह हिदायत कई कई बार दी जा चुकी है कि “अगर कहीं से भी घूसखोरी या अनियमितता की बात उठी तो तत्काल दोषी कर्मचारी पर सख्त कार्यवाई की जाएगी।”

क्या है मामला
त्योंथर तहसील क्षेत्र के अमिलिया पंचायत के सहायक सचिव पर पैसे लेकर प्रधानमंत्री आवास आवंटन का आरोप लगा है। हमारे संवाददाता को ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि “आवास योजना में नाम चढ़ाने से लेकर पूरी किस्ते आने तक हम लोगों पर पेशगी का दबाव बनाया जाता है।” जिन लोगों ने कुछ पेशगी दे दी उनका नाम चढ़ गया और कुछ किस्ते भी आ चुकी हैं और जिन लोगों के पास पैसे नहीं थे, वो बेचारे कच्चे या घाँस-फूस के पुराने घरों में ही रहने को मजबूर हैं। कुछ हितग्राहियों ने तो यह भी बताया कि आवास योजना के तहत आने वाली प्रत्येक क़िस्त से भी सहायक सचिव को कुछ न कुछ पेशगी देनी ही पड़ती है।
- आदिवासी बस्ती भिगुड़ी के लोगों ने सहायक सचिव पर पैसे लेकर आवास आवंटन का लगाया आरोप
- आवास योजना के तहत आने वाली प्रत्येक क़िस्त में मांगता है हिस्सा, ना देने पर अगली क़िस्त रोक देने कि धौंस

आगे भी है
ग्रामीणों से चर्चा में जब यही सवाल सरपंच और सचिव के बारे में पूँछा गया तो लोगों ने बताया कि सरपंच जी तो पैसे देने से हमें रोकते हैं और कई बार इस मामले को लेकर सहायक सचिव को समझाइस भी दें चुके हैं, पर फिर भी सहायक सचिव द्वारा उनकी बातों को अनसुना कर दिया जाता है। यहाँ तक कि उक्त पंचायत के कई वृद्धजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पैसे ना देने कि वजह से हमारी पेंशन भी अटकी हुई है।
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एक नज़र
ग्रामीण जब भी किसी योजना के तहत खुद को पात्र बताते हैं या वो पहले से हितग्राही हैं तो सहायक सचिव द्वारा पेशगी कि मांग कि जाती है। जो भी पैसा दे देता है उसे सुविधाएँ मिल जाती हैं और ना देने वाले पंक्ति का हिस्सा बन जाते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार उक्त मामले की जानकारी जब जनपद सीईओ राहुल पांडे जी को दी गई, तो उनके द्वारा शिकायत दर्ज करवाने कि हिदायत देते हुए कहा गया कि मैं मामले की जांच कर लुँगा।
लेकिन एक बड़ा सवाल उठता है, कि क्या यह समस्या सिर्फ अमिलिया पंचायत में है ?
ऐसे मामलों को लेकर कुछ अख़बारों को पलटा गया और इंटरनेट की सैर भी कि गई तो जो मिला वो आप खुद देखिये-
- पिछले साल जिला पंचायत सीईओ द्वारा 6 रोजगार सहायक एवं 1 उपयंत्री की सेवा समाप्त की गई थी।
- पिछले साल जिले के 7 सचिव व 1 उपयंत्री निलंबित किये गए थे और एक 1 सचिव को बर्खास्त किया गया था।
- इसी साल अप्रैल में रीवा जिले के गंगेव और रायपुर कर्चुलियान के सीईओ निलंबित किये गए थे।

त्योंथर तहसील क्षेत्र के कई गांवों से लगातार मिल रही शिकायतों पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है, जिसके पीछे कि वजह लोगों द्वारा राजनैतिक संरक्षण बताया जा रह है। आदिवासी बस्ती भीगुड़ी पंचायत अमिलिया के लोगों द्वारा बताया गया कि कई बार शिकायत हुई है लेकिन सहायक सचिव राजनैतिक पकड़ रखने वाले व्यक्ति हैं, जिसके कारण शिकायत ठन्डे बस्ते में चली जाती है और शिकायत कर्ताओं को हर बार देख लेने की ही बात किया करते हैं।
आदिवासी बस्ती भिगुडी के लोगों का जिला कलेक्टर महोदय एवं जिला पंचायत सीईओ से यह निवेदन है कि उक्त मामले की जांच कर जल्द से जल्द कार्यवाही कर हम गरीबों का शोषण होने से बचाएँ।
संवाददाता – ब्रह्मानदं त्रिपाठी बिन्नू , बहरैचा




