आलू उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें – कलेक्टर

कलेक्ट्रेट के बाणसागर सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि जिले की मिट्टी आलू उत्पादन के अनुकूल है। विभिन्न नहरों के माध्यम से जिले में लगभग तीन लाख एकड़ क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। परंपरागत खेती के साथ-साथ किसान व्यावसायिक फसलों की खेती से अधिक लाभ कमा सकते हैं। जिले के कई किसान अनुबंध के आधार पर खेती करके आलू की फसल ले रहे हैं। अन्य किसानों को भी आलू की फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करें।

कलेक्टर ने कहा कि जिले में कृषि आधारित उद्योगों में निवेश के लिए कई उद्योगपतियों ने रूचि दिखाई है। आलू से चिप्स तथा अन्य उत्पाद बनाने वाली कंपनियाँ विन्ध्य में अपना प्लांट लगाने के लिए उत्सुक हैं। चिप्स में उपयोग होने वाली विशिष्ट किस्म की आलू का उत्पादन करके किसान इन कंपनियों को कच्चा माल उपलब्ध करा सकते हैं। अनाजों की खेती से व्यावसायिक खेती में अधिक लाभ होगा। उप संचालक कृषि किसानों को चिप्स बनाने वाली किस्म के आलू के बीज उपलब्ध कराकर परीक्षण के तौर पर 10 से 40 एकड़ क्षेत्र में आलू की खेती कराएं। अच्छा लाभ होने पर शेष किसान अपने आप आलू की खेती को अपना लेंगे। बैठक में मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम के क्षेत्रीय संचालक यूके तिवारी ने कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना तथा 23 अक्टूबर को आयोजित हो रहे रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव की तैयारियों की जानकारी दी। बैठक में आयुक्त नगर निगम डॉ सौरभ सोनवणे, उप संचालक कृषि यूपी बागरी, अग्रणी बैंक प्रबंधक जगमोहन कुमार, केके गर्ग तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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