राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर समाज को झकझोरा है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बुधवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर से रेप और मर्डर जैसी वारदातों पर पहली बार खुलकर अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि निर्भया कांड के बाद 12 वर्षों में अनगिनत बलात्कारों को समाज भूल चुका है, यह ‘सामूहिक भूलने की बीमारी’ बेहद अप्रिय है। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस के 20 दिन बाद बंगाल बंद के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली बार बयान देते हुए कहा कि मैं इस वारदात को लेकर निराश और डरी हुई हूं। उन्होंने कहा कि बस, अब बहुत हो गया… समाज को ईमानदार, निष्पक्ष आत्मनिरीक्षण की जरूरत है। जरूरत है कि समाज खुद से कुछ कठिन सवाल पूछें। इतिहास का सामना करने से डरने वाले समाज सामूहिक भूलने की बीमारी का सहारा लेते हैं। अब समय आ गया है कि भारत इतिहास का सामना ईमानदारी से करे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि जब छात्र, डॉक्टर और नागरिक कोलकाता में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब भी अपराधी अन्य जगहों पर छिपे हुए थे। कोई भी सभ्य समाज बेटियों और बहनों पर इस तरह के अत्याचार की इजाजत नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि अक्सर ‘निंदनीय मानसिकता’ ही महिलाओं को कम इंसान, कम शक्तिशाली, कम सक्षम, कम बुद्धिमान के रूप में देख सकती है। जरूरत है कि इस विकृति का हम सब मिलकर सामना करें ताकि इसे शुरुआत में ही खत्म कर दिया जा सके।